राम मंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर की स्थापना

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** सन १५२८ का वो दृश्य,जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने ‘दोहाशतक में लिखा वो इतिहास में पढ़ते-पढ़ते भारत की लगभग २० पीढ़ियाँ परलोक चली गई, लेकिन हर आने वाली पीढ़ी को उस काले अध्याय को अंत करने की प्रेरणा भी देती गई। काल के प्रवाह में कईं उतार-चढ़ाव आए। कईं लोगों संकल्प ले … Read more

ज्ञान का प्रतीक है प्रज्जवलित दीपक

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** दीपावली का पर्व भारतीय सनातन परम्परा का लौकिक और अलौकिक पर्व माना गया है। लौकिक स्वरूप में जहाँ खान-पान,वैभव और उत्साह का वातावरण इस पर्व को प्रमाणिकता प्रदान करता है,वहीं अलौकिक रूप में यह पर्व आत्मोकर्ष का प्रमुख पर्व है। लौकिक और अलौकिक के बीच तंत्र साधकों के लिए परालौकिक … Read more

नियम तो एक सजा है

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** हम भारत के लोग हमेशा से नियम तोड़ने में विश्वास रखते हैं। नियम में रहे तो क्या जीवन। जीवन तो अलमस्त हो,तभी मजा है। नियम तो वैसे भी गले में रस्सी जैसा होता है। साला एक सीमा में रहो,इससे ज्यादा कुछ मत करो,पर हम तो कुछ अलग करने में विश्वास … Read more

युग प्रेरक ग्रंथ है `महात्मायन` और `राष्ट्रमाता कस्तूरबा`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है,कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी बडी लकीर खींची है जिसे अभी तक छोटी नहीं किया जा सका है। गांधी की कथनी और करनी … Read more