कोहरा
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* अनेक रूपों में दिखेछाए है कोहरा,शीत ऋतु दिखाएमौसम का है कोहरा,कोहरा होय धुंध नभ तकपथ पर या जीवन पर,आभास का दामन पकड़बढे़ चले पथ राही,सूझता कब है कैसेकहीं ठोकर पत्थर-सा,कहीं अनजान बने राहकहीं ठिठकन-सा,क्या है सुख या प्रलयकोहरे के पार सोच,दीपक जला राहआलोकित कहाँ होता। हृदय पटल पे ना छाएनकारात्मकता … Read more