कुल पृष्ठ दर्शन : 344

चाँदनी बरसे,नैना जी तरसे

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
*******************************************

शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष…..

शरद पूर्णिमा का सुंदर चंदा,
आलोकित करता है आकाश
ओ चंदा श्वेत छवि तुम्हारी,
हृदय में अद्भुत भाव जगाए।
चाँदनी बरसे नैना जी तरसे,
पिया मिलन का राग सुनाए
हर माह पूनम का चंदा प्यारा,
शरद ऋतु कृष्णा को भाए।
छिडे़ बांसुरी धुन पे होये रास,
राधा प्रियतमा नृत्य है शोभत
प्रीत रीत के छंद जगाये आस,
हैं प्रेम मुदित उन्मुक्त गोपियाँ।
पैजनियाँ झनकत सारी रात,
सोलह कलाओं गुण शोभित
मोहित करे चंदा तुम हो प्यास,
सुखमय किरणें धरा पे बरसाए।
झिनी चुनरिया मुख दमकाए,
शरद ऋतु शीतल मनभावन
चंदा संदेश बढा़ए हृदय हुलास,
पावस किरणें अमृत हैं बरसाए।
बनाती खीर घर-घर में गृहिणी,
प्रसाद जैसा मनमोहन आशीष
भोग बने सब जन खाए साथ,
रास पूर्णिमा का अनुपम चंदा।
तुमको पा कर जन धरा गर्वित,
सुखद जीवन जगाए आभास
भेद भाव से परे सदा है चंदा,
शरद पूर्णिमा की मनोहर रात।
आ री सखी है शरद पूर्णिमा,
उनकी यादों की गीत सुनाए।
अमृत सुधा अधरों पर रहती,
प्रीत लहू संग यूँ घुलती जाए॥

परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है

Leave a Reply