मन

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मन बड़ा बलवान है ये, मन बड़ा बलवान। कभी तो लगता ईश्वर है, ये कभी लगता शैतान। मन बड़ा बलवान है ये मन… लाख सम्भाला इसको बाँधा, फ़िर भी नहीं पकड़ में आता। जतन किए कि बंधा रहे ये, फ़िर भी फ़िसल-फ़िसल ही जाता। कभी धूप में कभी छाँव … Read more

सच छुपाऊँ कैसे

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ अपने विचार मैं सबको बताऊं कैसे, मन में क्या है सबको सुनाऊं कैसे। हरदम किया है प्रयास हँसाने का, अब हँसते हुए को रूलाऊं कैसे। बात-बात पर भड़कते हैं लोग, अब उन्हें भड़कने से बचाऊं कैसे। कुछ ही हो पायी है बातें अपनी अब इन बातों को मैं भुलाऊं … Read more

सीमाएँ जब टूटती हैं…

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** सीमाएँ जब टूटती हैं, बनी हुई मूरत को जब हथौड़े से तोड़ा जाता है, सदियों पुरानी मूरत पहले झेलेगी छोटे-छोटे वार, असंख्य प्रहारों के पश्चात एक आखिरी वार जो होगा सबसे ताकतवर, बिखर जाएगी मिट्टी। जब बिखर जाती है कोई बनी हुई मूरत, अब नयी मूरत बनने में … Read more

प्यार फिर से

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ बेवजह मुझे तुम सताने लगी होl क्या प्यार फिर से जताने लगी हो ? अदायें तो लगती है ऐसी ही कुछ, जो जुल्फें फिर लहराने लगी होl हरदम हरपल याद आती हो तुम, अब ऐसे दिल पर छाने लगी होl जिन्दगी में खाये हैं धोखे बहुत, अब मजाक तुम … Read more

घूँट

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** उसने पिए सदियों जितने घूँट अपमान के, समाज के आईने में स्वयं को खो दिया, दु:ख और निराशा के भीतर खोजती रही नये व्यक्ति नयी वस्तु, खुद को जोड़ने के सार्थक प्रयास में निरन्तर टूटती रही भोग हुए अपमान में, वह जो नवीन था वह कितना सहायक था, … Read more

पूजा

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** जेंट्स हेयर सैलून में आज रविवार होने के कारण काफी भीड़ नजर आ रही है। सुबह ७ बजे दुकान मालिक ने शटर ऊंचा किया और स्वयं झाड़ू-पोंछा कर बड़ी श्रद्धा भाव से भगवान की पूजा में जुट गया। धूप-दीप और अगरबत्ती से सैलून महकने लगा। दरवाजे पर टंगा,पांच मिर्ची के बीच … Read more

जल ही जीवन है

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** जल है भारी संकटग्रस्त, व्यर्थ पदार्थ वाहित मल औद्योगिक अपशिष्ट कीटनाशी पदार्थ, उवर्शकों के रासायनिक तत्व पट्रोलियम पदार्थ जिनसे जल जीवन की रक्षा होती है वे ही आज मृत्यु के कारण बन बैठे, देता टाइफायड,पीलिया,हैजा पेचिश,पेट के कीड़े,मलेरिया सब बीमारियों को न्यौता, गोमती का विषाक्त जल हो या … Read more

फिक्र

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… कल,माँ का पैर फिसल जाने के कारण हाथ की हड्डी टूट गई,इसलिए आज हाथ का ऑपरेशन होने जा रहा है। परिवार के सभी लोग स्ट्रेचर के साथ हो लिए…। माँ का हाथ थामे ‘काकू’ माँ को दिलासा दे रहा था,छोटा-सा ऑपरेशन है। आप यूँ गए और यूँ … Read more

माँ न होती तब मैं क्या होती!

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ जितनी बिस्तर पर लेटी है उससे कहीं ज्यादा मेरे भीतर, डर को भाँप रहा है मन अनचाहे दु:ख से काँप रहा है, सोचती हूँ माँ न होती तब मैं क्या होती सशक्त स्वयं नहीं थी पर, मुझे सशक्तिकरण का पूरा पाठ पढ़ाया माँ … Read more

मदर्स-डे

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… वाह रे नए युग देखे जो तेरे परिवर्तन, दिनों-दिन। तूने माता-पिता के लिए भी निर्धारित कर दिए दो दिन। मदर्स-डे,फ़ादर्स-डे, अरे माता-पिता तो वो चन्दन हैं। उनके लिये तो हर दिन, हर पल वन्दन है। उनकी सेवा में ही छिपा परमेश्वर का प्यार है। उनकी … Read more