सरस्वती वंदना
अंकुर सिंहजौनपुर(उत्तर प्रदेश)***************************************** हे विद्यादायिनी! हे हंसवाहिनी,करो अपनी कृपा अपरम्पार।हे ज्ञानदायिनी! हे वीणावादिनी,बुद्धि दे,करो भवसागर से पार॥ हे कमलवसिनी!, हे ब्रह्मापुत्री,तम हर,ज्योति भर दे।हे वसुधा,हे विद्यारूपा,वीणा बजा,ज्ञान प्रबल कर दे॥ हे वाग्देवी!,हे शारदे,हम सब हैं,तेरे साधक।हे भारती!,हे भुवनेश्वरी,दूर करो हमारे सब बाधक हे कुमुदी!,हे चंद्रकाति,हम बुध्दि ज्ञान तुझसे पाए।हे जगती!,हे बुद्धिदात्री,हमारा जीवन तुझमें रम जाए॥ … Read more