बचपन के तराने

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** तुमने छेड़े जो फिर से बचपन के तराने, याद आ गए हमें वो गुजरे ज़माने। वो आइसक्रीम की फैक्ट्री की धुंधली-सी यादें, वो तख्ती पर लिखना साथ खड़िया और दवातेंl वो जोर-जोर से उन पहाड़ों का रटना, भूल जाने पर जिनको गुरूजी से पिटनाl वो सोने से दिन थे और … Read more

क्या यह भी प्रेम ?

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** रसोईघर में एक चूहा इधर कुछ दिन से रोज ही नजर आ जाता है। सारे जतन करके हार गई,पतिदेव ने एक दो बार उसे भगाने की नाकाम कोशिश भी की। फिर भी न जाने कौन-से चोर रास्ते से साहब रसोईघर में घुस आते हैं,ये अभी भी रहस्य ही बना हुआ … Read more

आज की सबल नारी

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** हैरान हूँ, क्योंकि जानती हूँ मज़बूत हूँ, मज़बूर नहीं। फिर भी, ढोती फिरती हूँ कुछ झुठलाया सच, कुछ अनसुलझे सवाल… एक टुकड़ा अस्तित्व, एक बूँद विश्वास। यही सोचकर, जतनों से गूँथी सम्बन्धों की, माला। दरक न जाए, गर हिम्मत दिखाई तो ?? परिचय-सोमा सिंह का बसेरा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद … Read more

लापता है सूरज

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** दर्ज हो रहे हैं रोड़े,पत्थर,ईंटें, क़ालिक के भीतर। रक्त पंजे, संदर्भों को खरोंचते हुए। नींद में प्रवेश कर चुकीं हैं, अदृश्य धारें। बारीक, कटेगीं सुख की परतें। माँएं गाएँगी, प्रार्थनाएँ रात सोने से पहले। सूरज से पहले खोजेगीं, रक्त से सिंचित वेल। सड़क पर पसरे, रंग को टटोलती। … Read more

कारवां

डॉ.सरला सिंह दिल्ली *********************************************** कारवां ये चलता रहा, वक्त ये गुजरता गया। राह में हम खड़े ही रहे, बस पंथ निहारते रहे। मंजिलों की आस थी, मन में एक प्यास थी। प्यास भी ये बुझी नहीं, मंजिलों का पता नहीं। जूझते ही हम रहे सदा, बौछार थोड़ी-सी पड़ी। हारते ही रहे सदा हम, जीत कभी … Read more

मसीहा

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** आज का दिन बिंदु के लिए खास है और हो भी क्यूँ नहीं,पिछले दस वर्षों मे उसने दिन-रात एक कर दिए थे अपनी रिसर्च को पूरा करने में। और अब जब उसने मस्कुलर डिसट्रोपी की वैक्सीन खोज ली है तो भारत ही नहीं,विश्वभर के मरीजों की मसीहा बन गई है … Read more

पूछते श्री भरत-मेरे भारत का क्या हुआ ??

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** भाग-२…….. हे श्री भरत! आपके भारत को खंडित और दंडित किया गया, परिवार विशेष में सत्ता आई… दुष्टों को महिमा मंडित किया गया। इस आर्यावर्त के आर्य को विदेशी का दर्जा दिया गया! भारत माता की छाती पर पापियों का मुजरा किया गया! ना श्री राम रहे,ना वो इतिहास रहा, ना … Read more

सब मिट्टी हो जाता है

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** सब मिट्टी हो जाता है, और मिट्टी में मिल जाता है। मिट्टी में सोता यह बीज अहो, मिट्टी में ही उग आता है। सब मिट्टी हो जाता है… मिट्टी से बसती है बस्ती, मिट्टी से बनती है हस्ती मिट्टी के कण-कण से ही प्राणी, प्राण-कुसुम मुस्काता है। सब मिट्टी हो … Read more

पूछते श्री भरत-मेरे भारत का क्या हुआ ??

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** भाग-१………. अभाव है चिंतन में,अलगाव है बंधन में! कहो कब आजाद हुआ भारत ??? गुलामी हैं जन-जन में!! आखिर सन ४७ के दौर में पुन: निर्माण की, क्रिया क्यों नहीं की गई ? `हम आजाद हो गए` ऐसी, झूठी संतावना क्यों दी गई ?? क्या कुकर्म था उसमें, जो १२ बजे … Read more

लेकिन

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** लेकिन ने छीन ली न जाने, कितने होंठों से सच्चाई। लेकिन की बलि चढ़ी, न जाने कितने-कितनों की अच्छाई। लेकिन की खातिर सीता को, र्गभावस्था में वनवास हुआ। भरी सभा में द्रौपदी का, लेकिन से उपहास हुआ। लेकिन ही ने छीन लिए, कितने नैनों के सुख-सपने। लेकिन के फेर मे … Read more