हूँ शून्य हो गया मैं शून्य के ही शोध में!!
गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** हूँ हो गया अबोध मैं,भूल आमोद-प्रमोद में, प्रेम से पलता जैसे माता-पिता की गोद में ना रहा आभास कुछ! ना रहा एहसास कुछ! हूँ शून्य हो…