बंगाल:मर्यादा क़ा ध्यान नहीं रखा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* प. बंगाल के नंदीग्राम में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। जो शुभेंदु कल तक ममता के सिपहसालार थे,वे आज भाजपा के महारथी हैं। ऐसा बंगाल के कई चुनाव-क्षेत्रों में हो रहा है। ममता की तृणमूल कांग्रेस से इतने नेता अपना दल बदलकर भाजपा में शामिल हो … Read more

भारत कुछ करके दिखाए

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र के जवाब में पत्र लिखा,यह अपने-आपमें उल्लेखनीय बात है,लेकिन जवाब देने में उन्हें एक हफ्ता लग गया,यह भी विचारणीय तथ्य है। बड़ी बात यह कि पाकिस्तान के स्थापना दिवस पर श्री मोदी ने इमरान खान को बधाई दी। मोदी को … Read more

नहीं बनेगा भारत मोहरा ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* भारत,अमेरिका,जापान और आस्ट्रेलिया-इन चार राष्ट्रों के चौगुटे का जो पहला शिखर-सम्मेलन हुआ, उसमें सबसे ध्यान देनेवाली बात यह हुई कि किसी भी नेता ने चीन के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोला, जबकि माना जा रहा है कि यह चौगुटा बना ही चीन को टक्कर देने के लिए है। इसका नाम है-क्वाड … Read more

इस्लामःअरबों की नकल जरुरी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* स्विटजरलैंड ताजातरीन देश है,जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया में सिर्फ हिंदू औरतें पर्दा करती हैं और मुस्लिम औरतें बुर्का पहनती हैं। मुस्लिम देशों में देखा है कि विश्वविद्यालयों में जो महिला प्राध्यापक पढ़ाती थीं,वे भी बुर्का पहन करके आती थीं। बुर्का पहनकर ही वे कार भी चलाती थीं। अब … Read more

कांग्रेसःमरता, क्या नहीं करता ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* कांग्रेस पार्टी आजकल वैचारिक अधःपतन की मिसाल बनती जा रही है। नेहरू की जिस कांग्रेस ने पंथ-निरपेक्षता का झंडा देश में पहराया था,उसी कांग्रेस के हाथ में आज डंडा तो पंथ-निरपेक्षता का है,लेकिन उस पर झंडा सांप्रदायिकता का लहरा रहा है। सांप्रदायिकता भी कैसी ? हर प्रकार की। उल्टी भी,सीधी भी। जिससे … Read more

स्वभाषा के बिना महाशक्ति कैसे बनेगा देश ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* मातृभाषा दिवस विशेष-भाग 3 आम तौर पर लोगों को पता नहीं होता कि संयुक्त राष्ट्र २१ फरवरी को ‘विश्व-मातृभाषा दिवस’ क्यों मनाता है। दुनिया के लगभग सभी राष्ट्रों में इस दिन मातृभाषाओं के सम्मान से जुड़े आयोजन होते हैं,लेकिन इसका श्रेय हमारे पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश को जाता है। बांग्लादेश १९७१ के पहले … Read more

लोकतंत्र:भारत को मनोबल ऊँचा रखना होगा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* भारत में लोकतंत्र की हालत क्या है,इस मुद्दे पर हमारे देश में और दुनिया में आजकल बहस तेज हो गई है। इस बहस को धार दे दी है किसान आंदोलन ने। इसके पहले नागरिकता कानून,धारा ३७०,मनमानी हत्याएँ और अल्पसंख्यकों में भय-व्याप्ति आदि मामलों को लेकर भारत के बारे में यह कहा जाने … Read more

बजट अच्छा,लेकिन क्रांतिकारी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* देश का वह बजट आदर्श बजट होगा,जो देश के सभी १४० करोड़ लोगों के लिए रोटी,कपड़ा,मकान,शिक्षा और चिकित्सा की न्यूनतम व्यवस्था तो करे। राष्ट्र को परिवार बना दे। इस कसौटी पर किसी भी बजट का खरा उतरना तभी संभव है,जबकि देश के शीर्ष नेताओं के दिल में ऐसा प्रबल संकल्प हो और … Read more

काबुलःबाइडन जल्दबाजी न करें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* अमेरिका का बाइडन प्रशासन डोनाल्ड ट्रम्प की अफगान-नीति पर अब पुनर्विचार करने वाला है। वैसे तो ट्रम्प प्रशासन ने पिछले साल फरवरी में तालिबान के साथ जो समझौता किया था,उसकी प्रशंसा सर्वत्र हो रही थी लेकिन उस वक्त भी संदेह प्रकट किया गया था कि इस समझौते का सफल होना कठिन है। … Read more

लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हमारे ७२ वें गणतंत्र दिवस पर हम ज़रा गहरे उतरें और सोचें कि हमारे गणतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती क्या है ? क्या यह नहीं कि वह एक सच्चा गणतंत्र बन जाए ? गणतंत्र याने क्या ? गण का तंत्र अर्थात जनता का तंत्र। ऐसा तंत्र जिसमें जनता का राज हो,जनता के … Read more