मन का दर्पण मिला नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तन तो देखा रोज मुकुर में,मन का दर्पण मिला नहीं।देखा पीछे बिम्ब प्रकृति का,लिये खड़ा उपहार सभीआये स्वयं कक्ष में मेरे,अचला के श्रृंगार सभी।नित्य सजाया तन पुष्पों से,मन…

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चाहे जितने तीर चुभा रे…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरा दिल तूणीर पुराना,चाहे जितने तीर चुभा रे। एक तीर की पीड़ा ही तो,सहन न करता जग अलबेला।पर अनगिन तीरों की चोटें,सहता है तूणीर अकेला।बन जाये दिल तीर…

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है नहीं उपमान कोई

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ दीप तेरी जलन का तो,है नहीं उपमान कोई।है अनोखी जलन तेरी,तू जले हर बार बुझ करशलभ भी जलता न कोई,बुझ चुके तो नेह भर-भर।हो गया अभिशप्त तू,या,पा गया…

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अपमान नहीं होने देंगे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हम भारत माँ के झंडे का,अपमान नहीं होने देंगे।उन कृषक वेश गद्दारों कासम्मान नहीं होने देंगे॥ यों धोखेबाज छली कपटी,हो सकता नहीं अन्नदाताऔरों को जीवन देने को,जो खुद…

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मेरे मन की

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से सखी री,अब तक थी मैं पूरी।जब से मिलन हुआ प्रियतम से,तब से हुई अधूरी॥ आज हुये मन के दो टुकड़े,एक कहीं है,एक…

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सद्भावों का महा कुम्भ हो

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** नये वर्ष के नव प्रभात में,नव जीवन का शुभारंभ होlतन पावन हो मन पावन हो,नहीं किसी में द्वेष-दंभ हो। बुरा सुनो मत,बुरा न देखो,बुरा न बोलो मिटे बुराईlऐसा…

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जा-जा रे कोरोना काल…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** तुझको विदाई दे रहा नया साल,जा-जा रे कोरोना काल। तूने इस दुनिया को,भारी सताया,जन-जन के मुख पर मुखौटा चढ़ायाहर घर को कारागृह तूने बनाया,कैद किया मानव को,छल-बल दिखाया।फैलाया…

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कर्म में अटल थे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. सहज सरल थे स्वभाव से शहद जैसे,वे तो मात-पितु के सुकर्मों का फल थे,अति विद्वान ग्यानवान गुणवान महा,भारत की आन-बान-शान…

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मौसम का रंग दोहरा

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** आज मौसम का रंग दोहरा है,धूप निकली है और कोहरा है। मैं जो हँसती हुई सी दिखती हूँ,इक मुखौटे में मेरा चेहरा है। बहते अश्कों में दर्द दिखता…

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हमारा बांका हिन्दुस्तान

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** यही है धर्म-कर्म की भूमि,यही है रिद्धि-सिद्धि की भूमियही है अमन चैन की भूमि,यही है सुख समृद्धि की भूमि। है इसकी सर्वोपरि पहचान,दुनिया के नक्शे में न्याराअपना हिन्दस्तान,हमारा…

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