माँ…एक रोटी

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** एक रोटी मुझे तू दे दे माँ, मेरे पेट की भूख मिटा दे… कितने दिनों से भूखी हूँ, फिर भी कभी न रोती हूँ। अब सहा नहीं जाता है माता, कैसे तुम्हें बताऊँ ? चन्द घण्टों की बात नहीं, कब तक तुमसे छुपाऊं। बेटी थोड़ा कर ले इंतजार, रोटी वाले भैया … Read more

शिक्षक की व्यथा

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कब तक अश्क बहाऊँ मैं, परिवार को भूखे सुलाऊँ मैंl मन में लगी है आग, किसको-किसको बताऊँ मैं। आफत आन पड़ी है, सब-कुछ जान पे पड़ी हैl कैसे हैं भगवान, ले ले मेरी जान। कफन ओढ़ मैं सो जाऊँ, घुट-घुट के जीने से बेहतर मर जाऊँl अग्नि की ज्वाला में जल … Read more

शरणार्थी भी है इंसान

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. शरण में आए, शरणार्थी बनकर लोकप्रियता निभाएं, मेहनती बनकर। प्रेम बढ़ाएं, मीठा बोलकर आस लगाए, शरण में रहकर। नमन किए हम, मिट्टी छू कर ईमानदारी दिखाई, सदा सच बोलकर। रूप सजाया, माली बनकर मानव बना मैं, सेवक बनकर। फूल उगाए, मिट्टी खोद कर एकता बनाई, गोली खाकर। … Read more

अंधेरी है रात..

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंधेरी है रात हम भटक गए हैं बाट, छूट गया है साथ बहुत बड़ी हो गई रात। कौशिक बोल रही है बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं चारों तरफ शोर मचा है। भयानक-सी है रात कैसी हो गई बात, पग-पग कठिन है बाट घनघोर लग रही है रात। टिम-टिमटिमाते … Read more

भारत में भाषा का मसला:मिलकर राष्ट्रभाषा के सृजन का पुरुषार्थ करें

विजयलक्ष्मी जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************************* भारत के हित में देश के भाषाप्रेमियों को अपने-अपने आग्रह छोड़ देना चाहिए,क्योंकि अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति का यही एकमात्र तोड़ है और यही न्यायपूर्ण भी है। हिन्दी शक्तिशाली भाषा है क्योंकि वह देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा है। पूरे भारत में उसके बोलने वाले पाए … Read more

कोयल की कुहूक

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कोयल कुहूक-कुहूक कर बोली मोर पपीहा मेरे भाई, बंदर भालू ने दौड़ लगाई आपस में सब भाई-भाई। शेर-शेरनी ने ब्याह रचाया पंडित जी को घर पे बुलाया, हलुआ पूरी सेंवई बनाई जंगल में वो खूब लुटाया। हिरण मोर संग रास रचाया गजानंद को खूब खिलाया, तोते ने आवाज लगाई पिंजरे खोल,मुक्त … Read more

हे भगवान,करो कल्याण

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** हे भगवान करो कल्याण, हम बच्चों को दे सदबुद्धि व ज्ञान। माता-पिता,बुजुर्ग को सुबह-सवेरे करें प्रणाम, ना करें हम ऐसा काम जिससे हो जाएं बदनाम। बढ़ते जाएं अपने पथ पर कभी ना टूटे ये अरमान, भाई-बहन के साथ रहे करते रहें हम अच्छे काम। ऐसी शक्ति हमें मिले जिससे हो सबका … Read more

पूजा

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** जेंट्स हेयर सैलून में आज रविवार होने के कारण काफी भीड़ नजर आ रही है। सुबह ७ बजे दुकान मालिक ने शटर ऊंचा किया और स्वयं झाड़ू-पोंछा कर बड़ी श्रद्धा भाव से भगवान की पूजा में जुट गया। धूप-दीप और अगरबत्ती से सैलून महकने लगा। दरवाजे पर टंगा,पांच मिर्ची के बीच … Read more

ईद मुबारक हो

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** रमजान के महीने में ईद मुबारक हो, घर-घर के आँगन में चन्द्रमा की चाँदनी हो, ईद मुबारक हो। रोजेदार को मिले दुआ बेशुमार हो, अल्लाह का प्यार हो रमजान के महीने में, ईद मुबारक हो। इफ्तार ही इफ्तार हो प्रेम का भंडार हो, मिलने का इंतजार हो रमजान के महीने में, … Read more

अनमोल प्रण बन गये

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* रातभर जो उबलते दृगों में रहे, प्रात होते ही क्यों ओस कण बन गये। खौलते नीर की तो व्यथा है यही, न गगन ही मिले न मिले ये मही धूम्र बन-बन के उड़ता रहे वायु में, न मिले पंथ कोई दिशा में सही। पर मिले जो ठिकाना तो औषधि बने, न … Read more