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हे भगवान,करो कल्याण

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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हे भगवान
करो कल्याण,
हम बच्चों को
दे सदबुद्धि व ज्ञान।

माता-पिता,बुजुर्ग को
सुबह-सवेरे करें प्रणाम,
ना करें हम ऐसा काम
जिससे हो जाएं बदनाम।

बढ़ते जाएं अपने पथ पर
कभी ना टूटे ये अरमान,
भाई-बहन के साथ रहे
करते रहें हम अच्छे काम।

ऐसी शक्ति हमें मिले
जिससे हो सबका कल्याण,
जब तक रहे धरती-आसमान
हर जगह पहुंचे ये पैगाम।

हे भगवान
करो कल्याण,
हम बच्चों को
दे सदबुद्धि व ज्ञानll

परिचय-विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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