आजादी की गाथा
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** जीने में मजा नहीं है भैया अब तो हमें मर जाने दो, कितना दुःख झेला है हमने ये तो हमें बताने दो। ये कविता है वीर पुरूष की और हमें बस गाने दो, जीने में मजा नहीं है भैया… अब तो हमें मर जाने दो। कितनी माताओं की कोख उजड़ी ये … Read more