कुल पृष्ठ दर्शन : 153

पिता-पुत्री के खुशनुमा रिश्ते की बानगी ‘अंग्रेजी मीडियम’

इदरीस खत्री
इंदौर(मध्यप्रदेश)
*******************************************************

‘अंग्रेजी मीडियम’ के निर्देशक के. होमी अदाजनिया हैं। अदाकार-राधिका मदान, इरफान खान,दीपक डोबरियाल,करीना कपूर, मनू ऋषि,रणवीर शौरी,पंकज त्रिपाठी,पूर्वी जैन,कीकू शारदा और डिम्पल कपाड़िया हैं।


फ़िल्म से पूर्व चर्चा⤵
सचिन की १९९८ में आई फ़िल्म ‘ऐसी भी क्या जल्दी है’ की पिता-पुत्री के रिश्ते पर खूबसूरत फ़िल्म इस फ़िल्म को देखते वक्त अनायास याद आ गई। फ़िल्म के ट्रेलर से लगा था कि आधुनिक शिक्षा और अंग्रेजी के महत्व पर फ़िल्म का सन्देश होगा,लेकिन फ़िल्म पिता-पुत्री का रिश्ता,पिता की फ़िक्रमन्दी,पुत्री के ख्वाबों को पूरा करने की कोशिश मौलिक है,यही भाव दिल को छू जाता है।
शिक्षा भी फ़िल्म का एक हिस्सा है,लेकिन फ़िल्म का मूल पिता-पुत्री के रिश्ते का ताना-बाना ही माना जाए तो फ़िल्म दिल तक पहुंच जाएगी। फ़िल्म एक लाइन में समझी जाए तो मराठी फिल्म ‘तारिया की बेटी’ की याद दिलाएगी।
कहानी⤵
चम्पक(इरफान खान) सिंगल फादर की मिठाई की दुकान है। बचपन से अपनी बेटी तारिका(राधिका मदान)को बेहद चाहता है, और हमेशा उसे लेकर फिक्रमंद रहता है, जबकि चम्पक की पत्नी गुज़र चुकी है। चम्पक उसे माँ का भी प्यार देता है,साथ ही बेटी का हर सपना पूरा करना चाहता है। बेटी का बचपन से सपना है कि यह विदेश जाकर पढ़ाई करे। तारिका बड़ी होती है और वह लंदन जाकर आगे की पढ़ाई का सपना पिता के सामने रखती है तो चम्पक और उसका चचेरा भाई गोपी (दीपक डोबरियाल) उस ख्वाब को पूरा करने के लिए जुट जाते हैं। इसमें क्या क्या मुश्किलात आती है,और उन मुश्किलों को एक आम आदमी चम्पक कैसे पार पाता है,या नहीं,चम्पक की बिटिया की शिक्षा यात्रा भारत से लंदन तक हो पाती है या नहीं ? ? इस जवाब के लिए फिल्म देखनी बनती है।
यह फ़िल्म इरफान खान की ‘हिंदी मीडियम’ का अधिकृत दूसरा भाग तो नहीं है,लेकिन यह फ़िल्म दूसरा भाग ही मानकर देखी जाएगी।
गीत-संगीत⤵
१-२ गाने आते हैं,लेकिन वह पार्श्व के रूप में ही बज कर निकल जाते हैं,वह दृश्यों को मजबूती देते हैं। सचिन जिगर का गाना एक ‘ज़िन्दगी बेहद खूबसूरत’..बन गया है,साथ ही फ़िल्म को आगे बढ़ाता है। तनिष्क बागची की पार्श्व ध्वनि भी मोहक लगती है। गाना
‘एक लड़की’…पार्श्व ध्वनि में है,जो मोहक लगता है। ‘कुड़ी नू नचने दे’ गाना भी कर्णप्रिय बन पड़ा है।
अदाकारी⤵
इरफान आम किरदार को खास बनाने की असीम अभिनय क्षमता रखते हैं,यह यहां उन्होंने यहाँ साबित कर दिया। इरफान से आप कुछ भी करवा सकते हो,अभिनय का बेताज बादशाह है वह। उसमें अभिनय दक्षता,कौशल,दर्शक को बांधने की असीमित ताकत है। अभिनय में मुर्खिया और त्वरित प्रतिक्रिया में कमाल है। राधिका ने पूरा न्याय किया है,लेकिन उन्हें अभी हिंदी सिनेमा पर जमे रहने के लिए अभिनय और निखारने की ज़रुरत होगी। दीपक डोबरियाल अभिनय की भट्टी से निकले अदाकार हैं। उनका पूरा दोहन हिंदी सिनेमा में अभी बाकी है। करीना ने भी जितना काम मिला,उसे बेहद ईमानदारी से चरितार्थ किया। रणवीर शोरी,डिम्पल कपाड़िया,पंकज त्रिपाठी,कुकू का किरदार छोटा था,पर सभी ने पूरी शिद्द्त और लगन से अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। करीना और डिम्पल तो किरदार में बस ही गए थे,साथ ही दोनों की खूबसूरती आज भी बरकरार है।
कमज़ोर पक्ष⤵
फ़िल्म की लंबाई १४३ मिनट है,जो कम की जा सकती थी। खास कर दूसरे भाग में लगभग १० मिनट की काट-छांट हो सकती थी। गानों के नाम पर फ़िल्म में केवल १-२ गाने हैं।
बजट-पर्दे⤵
फिल्म का बजट लगभग ४५ करोड़ रुपए रखा गया है। प्रसार-प्रचार के लिए १५ करोड़ मिलाकर कुल ६० करोड़ है। भारत में लगभग २२०० और विदेशों में लगभग ३०० पर्दों(स्क्रीन्स) पर फ़िल्म प्रदर्शित हो रही है। अभी ‘बागी ३’ का बाजार जारी है तो ३ से ५ करोड़ की शुरुआत मिल सकती है। ‘हिंदी मीडियम'(२०१७)का कुल संग्रहण(कलेक्शन)६५ करोड़ था लेकिन यह फ़िल्म उससे ऊपर निकलती दिख रही है।
क्यों देखें⤵
इरफान की शानदार-उम्दा अदाकारी के लिए फ़िल्म देखी जा सकती है। इसे साढ़े ३ सितारे दिए जाएंगे।

परिचय : इंदौर शहर के अभिनय जगत में १९९३ से सतत रंगकर्म में इदरीस खत्री सक्रिय हैं,इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग १३० नाटक और १००० से ज्यादा शो में काम किया है। देअविवि के नाट्य दल को बतौर निर्देशक ११ बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में देने के साथ ही लगभग ३५ कार्यशालाएं,१० लघु फिल्म और ३ हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। आप इसी शहर में ही रहकर अभिनय अकादमी संचालित करते हैं,जहाँ प्रशिक्षण देते हैं। करीब दस साल से एक नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं। फिलहाल श्री खत्री मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में अभिनय प्रशिक्षक हैंl आप टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्म लेखन में सक्रिय हैंl १९ लघु फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खत्री का निवास इसी शहर में हैl आप वर्तमान में एक दैनिक समाचार-पत्र एवं पोर्टल में फ़िल्म सम्पादक के रूप में कार्यरत हैंl

Leave a Reply