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पुस्तक का महत्व

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष……

कही-अनकही बातों का राज है पुस्तक,
अनसुलझा,पहेली का सार है पुस्तक।

जीवन के हर मोड़ की सच्ची साथी है पुस्तक,
हर एक परिस्थिति की मार्गदर्शक है पुस्तक।

जिंदगी के हर रुप को खुद में सजाया है,
जिंदगी के हर तार को बखूबी पिरोया है।

कहने को सिमटी पूरी कहानी है पुस्तक,
कुछ खट्टी,कुछ मीठी यादों का मेला है पुस्तक।

ना गिला,ना शिकवा,ना बैर है पुस्तक,
राह में आने वाला नया पड़ाव है पुस्तक॥

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका  साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और  पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। 

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