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शिक्षा को प्राचीन वाङमय के ज्ञान-विज्ञान से जोड़ने की जरूरत-प्रो. शर्मा

हिंदी विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी….

वर्धा(महाराष्ट्र)l

नई शिक्षा नीति को हमारे प्राचीन ज्ञान-विज्ञान और वाङमय के साथ जोडकर राष्ट्रीय आचार-विचार को लेकर क्रियान्वयन की प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता हैl विद्यार्थियों के व्यवहार में नैतिकता लाने हेतु उनमें रचनाधर्मिता का निवेश करना चाहिएl
यह विचार गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (नोएडा) के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने व्यक्त किएl वे ‘नई शिक्षा नीति-२०२०:क्रियान्वयन एवं चुनौतियां’ विषय पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय(वर्धा,महाराष्ट्र)के शिक्षा विद्यापीठ की ओर से २ दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थेl सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कीl इस ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन में जाने-माने शिक्षावदों ने गहन विमर्श कियाl प्रो. शर्मा ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता और नवोन्मेष के लिए शिक्षकों को अपने में परिवर्तन लाना होगाl
महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विवि के जनसंपर्क अधिकारी बी.एस. मिरगे ने बताया कि,अध्यक्षीय वक्तव्य में हिंदी विवि के कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए सभी संस्थाओं की आत्मा और ढांचे का मूल्यांकन जरुरी हो गया हैl यह नीति ज्ञान की दृष्टि और ज्ञान के प्रसार की बात करती है,हमें समग्रता की सोच के साथ विभिन्न ज्ञानानुशासनों के अंतर्संबंधों को स्वीकार कर इस नीति को सफल बनाने की दिशा में काम करना होगाl उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के माध्यम से हमें भविष्य की जरुरतों के उत्पादों का निर्माण करने वाले विद्यार्थी तैयार करने होंगेl

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘शिक्षा नीति २०२०: एक सिंहावलोकन’ पुस्तक का लोकार्पण किया गयाl समापन कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. गोपाल कृष्ण ठाकुर ने दियाl संचालन डॉ. भरत कुमार पण्डा ने कियाl आभार आयोजन सचिव डॉ. शिरीष पाल सिंह ने मानाl

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