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उम्मीदों का साल हो

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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बीते साल की छूटी हुई
आशाओं को,
नया आयाम देने
वाला नया साल हो।
सपने जो कल
रह गए थे अधूरे,
उनको पूरा करने
वाला नया साल हो।
रूक गए थे जो कल
कदम हमारे फिर से,
मंजिल तक चलने
वाला नया साल हो।
खेतों में हरियाली
घरों में खुशहाली,
सबको आगे बढ़ाने वाला
ऐसा नया साल हो।
‘कोरोना’ से जो बंद पड़े
मिल,कारखाने सबके,
काम फिर चलने लगे
ऐसा नया साल हो।
अब रुके नहीं जिंदगी की गाड़ी
समृद्ध भारत की कहानी,
नहीं किसी की आँखों में पानी,
उम्मीदों से भरा नया साल हो।
वैक्सीन आए,कोरोना जाए
सब स्वस्थ रहें,मस्त रहें,व्यस्त रहें,
दुनिया में हमारा सम्मान और बढ़े
ऐसा नया साल हो।
गगन हमारी उड़ान हो,
हर ख्वाहिश को पूरा करने वाला।
सबके चेहरे मुस्कुरा दें,
ऐसा ये आने वाला नया साल हो॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैL वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैL यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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