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नारी की कहानी

गरिमा पंत 
लखनऊ(उत्तरप्रदेश)

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किस बात की पीड़ा है,
किस बात का डर है
क्यों घबराती हो छींटाकशी से,
ये तुम्हें सौगातें मिली हैं।
चरित्र और मर्यादा का ढोंग,
हमें ही करना है।
सारी रीति-रिवाज़ हमें ही निभाने हैं,
फिर भी हमें ही बदनाम किया जाता है
पुरुष कुछ भी करे,
वो सब ठीक हैl
नारी पर हो रहे अत्याचारों को,
नारी की `गलती` बताया जा रहा है
इतिहास गवाह है,
नारी हर जगह ठगी गयी है
चाहे वो जुआ हो या हो बाजारl
उसे क्यों `सामान` समझा जाता है,
ऐसे लगता है नारी केवल भोग की वस्तु है
फिर क्यों देवी की पूजा करते हैं ?
जो नियम बनाए वो एकतरफा हो गएl
नारी में भी दर्द होता है,
वो भी एक इंसान हैll

परिचय-गरिमा पंत की जन्म तारीख-२६ अप्रैल १९७४ और जन्म स्थान देवरिया है। वर्तमान में लखनऊ में ही स्थाई निवास है। हिंदी-अंग्रेजी भाषा जानने वाली गरिमा पंत का संबंध उत्तर प्रदेश राज्य से है। शिक्षा-एम.बी.ए.और कार्यक्षेत्र-नौकरी(अध्यापिका)है। सामाजिक गतिविधि में सक्रिय गरिमा पंत की कई रचनाएँ समाचार पत्रों में छपी हैं। २००९ में किताब ‘स्वाति की बूंदें’ का प्रकाशन हुआ है। ब्लाग पर भी सक्रिय हैं।

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