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तुलसी नभ के चंद्रसम

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष

दिव्य छंद तुलसी रचे,भारत हुआ कृतज्ञ।
मैं,उनके सम्मान में,दोहे लिखता अज्ञ॥

हुलसी तुलसी गंध सी,सेवित तुलसीदास।
भाव आतमा राम से,मानस किया उजास॥

नरहरि जी सद्गुरु मिले,पायक हनुमत वीर।
दे रत्नावली राम का,सुगम पंथ मति धीर॥

मानस मानस में रखे,पहचाने अरि मित्र।
तुलसी ने अनुपम रचा,रघुपति राम चरित्र॥

सन्त असन्त विवेचना,नारि धर्म,नर कर्म।
मानस में तुलसी लिखे,जीवन के सब मर्म॥

सुर नर मुनि गंधर्व के,लिखे चरित मतिमान।
दैत्य देव वानर मनुज,संस्कृति सहित प्रमान॥

काकभुशुण्डि गिद्ध गरुड़, जामवंत बलवान।
शबरी केवट मानवी,लिखे सहित सम्मान॥

भक्त संत द्विज के लिखे,राज धर्म संदेश।
राजा मुखिया मित्रता,रीति प्रीत परिवेश॥

सेतुसिंधु सर सरित गिरि,वन्य और वनवास।
आश्रम पावन गौतमी,लिखे अत्रि मुनिवास॥

लिखे हेम मृग मरीचिका,नारि हृदय की टेक।
रावण लंक निशाचरी,भक्ति विभीषण नेक॥

विविध छंद दोहे विविध,सोरठ लिखे अनूप।
चौपाई मय विधि विधा,तुलसी मानस रूप॥

संस्कृत हिन्दी बोलियाँ,अवधी,मिश्रण मान।
मानस के अतिरिक्त भी,रचे काव्य वरदान॥

याद करें सिय राम को,संगत प्रिय हनुमान।
मानस दुर्लभ भूलना,तुलसी मान महान॥

तुलसी जन तुलसी हुए, घर-घर मानस मान।
कंठ कंठ मणि शोभते,तुलसी सत्य महान॥

तुलसी नभ के चंद्रसम,देते विमल प्रभास।
बाबू लाल चकोर जस,वंदित तुलसीदास॥

तुलसी तुलसी गंध सम,रमे राम के नाम।
शर्मा बाबू लाल का,शत-शत उन्हें प्रणाम॥

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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