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लोकतंत्र का अर्थ समझें

उषा शर्मा ‘मन’
जयपुर (राजस्थान)
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१५ अगस्त को आता भारत का स्वतंत्रता दिवस,
भारतवासी जिसे शान से मनाता हर वर्ष।

इसी दिन उन गोरे लोगों से भारत हुआ स्वतंत्र,
७३ वर्ष पूर्व ना था भारत में लोकतंत्र।

अतः सब भारतवासी लोकतंत्र का अर्थ समझें,
पैसे,भाई-भतीजावाद के लिए अपना मत ना बेचें।

इसी देश को विदेशों में कहते सोने की चिड़िया,
सत्य,अहिंसा की कुंजी जहां की माया।

अनेक जाति हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,
एकता,अखंडता है जिस देश की मूल इकाई।

देश का तिरंगा ही बतलाता जिस धरती को,
बेहतर राजनेता जहाँ,छोड़ो सारी निराशा को।

एकता संबल जहां,टूटे अभिमान वहां,
मातृभूमि की गंध जिस मिट्टी में,वह है यहां।

त्यागें सब धर्म,अपनाएं देश भक्ति का धर्म,
जन-जन ऐसा जिसमें हो त्याग का कर्म॥

परिचय-उषा शर्मा का साहित्यिक उपनाम ‘मन’ है। जन्म तारीख २२ जुलाई १९९७ एवं स्थान-मानपूर नांगल्या(जयपुर) है। राजस्थान निवासी उषा शर्मा ‘मन’ का वर्तमान निवास बाड़ा पदमपुरा( जयपुर)में ही है। इनको राष्ट्रभाषा हिंदी सहित स्थानीय भाषा का भी ज्ञान है। ‘मन’ की पूर्ण शिक्षा-बी.एड.एवं एम. ए.(हिंदी साहित्य)है। कार्यक्षेत्र में फिलहाल अध्ययन जारी है। आपकी लेखन विधा-लेख कविता,संस्मरण व कहानी है। पसंदीदा हिंदी लेखक जयशंकर प्रसाद को मानने वाली उषा शर्मा ‘मन के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-
“हिंदी भारत देश के लिए
गौरवमयी भाषा है,
देश की माला का स्वरूप,
भारत माँ का मान है हिंदी।
साहित्य की मन आत्मा का,
जन्मों-जन्मों का साथ है हिंदी।
कवि लेखकों की शान ही हिंदी,
हिंदुस्तान के नाम में है हिंदी॥”

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