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जल जीवन है और जीवन जल

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ 
गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश)

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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

ज-से जन्म लिया हमने जब,
ईश्वर का आभार मनाया है।
मानव जीवन लेकर हमने,
परम सौभाग्य भी पाया है।

ज-से जननी एकमात्र है,
इस धरती ने कर्ज़ चढ़ाया है।
पालन-पोषण निस्वार्थ किया,
बालक से वयस्क बनाया है।

ज-से जीवन जीने को हमने,
कितने संसाधन व्यर्थ किए।
दूषित जंगल,नदियां व वायु,
और कितने कर्म अनर्थ किए।

ज-से जवाब अब देना होगा,
हमको अपनी संतानों को।
क्या देंगे धरोहर प्रदूषण की,
हम उनकी आँखों-कानों को।

ज-से जगत हमारा है यह,
सब यह बात मान लें हम।
हर संसाधन पर सबका स्वामित्व है,
क्यों न मिलकर बांट लें हम।

ज-से जल्द ही समझना होगा,
जीवन में जल की आवश्यकता को।
जल जीवन है और जीवन जल है,
इस हर एक शब्द की तथ्यता को।

ज-से जल की एक-एक बूंद,
अमृत समान महत्वपूर्ण है।
हर रंग भरा अद्भुत संसार,
पंचतत्व से ही सम्पूर्ण है।

ज-से जन-मानस को अब,
मिलकर यह संकल्प उठाना है ।
जिस धरती ने पाला है हमको,
उसे फिर से स्वर्ग बनाना है॥

परिचय-मयंक वर्मा का वर्तमान निवास नई दिल्ली स्थित वायुसेना बाद (तुगलकाबाद)एवं स्थाई पता मुरादनगर,(ज़िला-गाजियाबाद,उत्तर प्रदेश)है। उपनाम ‘निमिशाम्’ है। १० दिसम्बर १९७९ को मेरठ में आपका जन्म हुआ है। हिंदी व अंग्रेज़ी भाषा जानने वाले श्री वर्मा ने बी. टेक. की शिक्षा प्राप्त की है। नई दिल्ली प्रदेश के मयंक वर्मा का कार्यक्षेत्र-नौकरी(सरकारी) है। इनकी लेखन विधा-कविता है। लेखनी का उद्देश्य-मन के भावों की अभिव्यक्ति है। पसंदीदा हिंदी लेखक व प्रेरणापुंज डॉ. पूजा अलापुरिया(महाराष्ट्र)हैं।

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