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चुप क्यों हो ?

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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क्यों चुप हो अन्याय के सम्मुख,
क्यों चुप हो अधिकार के सम्मुख
क्यों चुप हो देख दानव बल को,
क्यों चुप हो तुम प्यार के सम्मुख ?

तव सम्मुख है कौन विवशता,
धर्म पथ से है तव पग हटता
चुप क्यों हो अनीति देख कर,
कैसा भय तव उर में है पलता ?

नहीं जरुरी कि वह नीतिज्ञ हो,
सब विद्याओं का महाविज्ञ हो
है पतित वो सदा ही जग में,
जो सत्यमार्ग भी पथ भ्रष्ट हो।

अन्याय सम्मुख जो न कुछ कहता,
पाप कर्मों में सदा बेसुध रहताl
नहीं मिलता सम्मान कभी उसको,
स्वार्थ पूर्ण करने में जो चुप रहताll

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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