बबीता प्रजापति
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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कोयल अब न टेर लगाओ
वर्षा आने वाली है
मोर पपीहों शोर मचाओ,
वर्षा आने वाली है।
भारी दोपहरी यूँ कुम्हलाए,
फूलों को कौन बताए
फूलों को जा के बताओ,
वर्षा आने वाली है।।
थक गए जब नैना,
आए अब न तुम बिन चैना
सजनी अब तो तुम मुस्काओ,
वर्षा आने वाली है।
सखियाँ झूला झूलें,
आनंद में सब-कुछ भूलें।
सखियों ऐसा प्रेम लुटाओ,
वर्षा आने वाली है॥