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कृष्ण जन्माष्टमी

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष……….


भादव रजनी अष्टमी,लिए ईश अवतार।
द्वापर में श्री कृष्ण बन,आए तारनहार।
आए तारनहार,रची लीला प्रभुताई।
मेटे अत्याचार,प्रीत की रीत निभाई।
कहे लाल कविराय,कृष्ण जन्में कुल यादव।
जन्म अष्टमी पर्व,मने अब घर-घर भादव।

कौरव पाण्डव युद्ध में,बने कृष्ण रथवान।
गीता के उपदेश में,देते ज्ञान महान।
देते ज्ञान महान,धर्म हित युद्ध ठनाएँ।
बने कन्हैया कृष्ण,रूप जो विविध बनाएँ।
कहे लाल कविराय,सनातन कान्हा गौरव।
रखे विदुर का मान,हराए रण में कौरव।

गाते गिरधर लाल की,सभी निराली नीति।
गोधन ग्वाले गोपिका,ब्रजतरु उत्तम प्रीति।
ब्रजतरु उत्तम प्रीति,सखे जलजमना सजते।
मिटे सकल जंजाल,कालिये फन पर नचते।
कहे लाल कविराय,मिताई प्रीत निभाते।
कृष्ण कन्हैया लाल,समर में गीता गाते।

भारी वर्षा इन्द्र ने,कर दी कोपि घमंड।
सोच रहे ब्रजवासियों,लो अब भुगतो दंड।
लो अब भुगतो दंड,करो नाहीं तुम पूजा।
आज बचाए कौन,धरा पर देखूँ दूजा।
कहे लाल कविराय,बने कान्हा गिरिधारी।
नख पर गिरिवर धारि,छत्र गोवर्धन भारी।

साड़ी से इक चीर था,बांधा कान्हा हाथ।
द्रुपद सुता के कर्ज को,याद रखे ब्रजनाथ।
याद रखे ब्रजनाथ,सखी बहिना सम माने।
सदा द्वारिका धीश,धर्म का पथ पहचाने।
कहे लाल कविराय,दुशासन नियति बिगाड़ीl
पांचाली हित लाज,कृष्ण विस्तारी साड़ी।
(इक दृष्टि यहाँ भी:भादव=भादौ,भादों,भाद्रपद,भादवा)

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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