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पेड़

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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मैं एक सन्देश वाहक हूंँ,
सुनिए एक सन्देश लेकर
आज़ आप सबके समक्ष आया हूंँ।
पूछेंगे नहीं आखिर क्यों ?
हाँ भाई हाँ यह भी तो,
मुझे बताना है।
मैं अपनी साँसें तुम्हें आज,
सौंपने यहां आया हूंँ।
पूछेंगे नहीं आखिर क्यों ?
हाँ भाई हाँ यह पर्यावरण,
की शुद्धता के लिए
ध्वनि व वायु प्रदूषण से,
तुम्हें सुरक्षित रखने के लिए।
क्या और है मकसद ?
क्या नहीं पूछेंगे,
मेरे यहां आने का क्या है औचित्य ?
हाँ भाई हाँ मुझे यह बात भी,
तुम सबको आज बतानी है।
मेरी बादलों से,
मित्रता और गाढ़ी दोस्ती है
मैं जल चुराने में माहिर हूंँ,
इसलिए तो तुम्हारे पास,
यह अमृत धारा देने के
लिए आज़ यहां आया हूंँ।
यही बात आज़ यहां,
तुम सबको बताने आया हूंँ
इसलिए तुम सबको मुझे,
जीवित रखना ही होगा
मुझे काटना बन्द करना ही होगा,
नहीं तो प्रकृति का
कोप भाजन तुम्हें बनना ही पड़ेगा।
सुरक्षित और संरक्षित,
रहने के लिए
यह उद्यम तुम सबको,
आज़ करना ही होगा॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा और बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचनाकर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र,हिंदी,इतिहास, लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एल.एल.बी., एल.एल.एम.,एम.बी.ए.,सी.ए.आई.आई.बी. व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता,रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह)आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर,चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानियाँ(पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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