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भारत मानवता का धर्म निभाता

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष………..

जो भी इस धरती पर आया,
इस धरती ने उसको अपनाया
शरण देती है ये धरती,
ये धरती तो पावन है।
जो खुद के देश में सुरक्षित नहीं,
वो होते अल्पसंख्यक
उन पर रोज-रोज अत्याचार होता,
वो अपना देश छोड़कर
भारत की शरण में आए।
ये भारत उनको वन्दन करता,
भारत की धरती पर उनका
अभिनंदन होता है।
भारत मानवता वाला देश रहा,
मानवता का हमेशा धर्म निभाता है
जो भी आता शरण लेने,
हर शरणार्थी को ये देश गले लगाता है।
जो भी असहाय,लाचार,निराश्रय
हिंसा से पीड़ित है,
जो अपने ही देश में दबते,घबराते हैं
जो खुद सुरक्षित नहीं हैं,
वो भारत की शरण में आते हैं।
भारत उनको अपनाता है,
भारत मानवता का धर्म निभाता है॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।