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अकादमी ने किया निदेशक डॉ. विकास दवे को ‘महाराष्ट्र भारती’ से अलंकृत

मुंबई (महाराष्ट्र)।

२३ मार्च को महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी ने पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया। इसमें अकादमी के सबसे बड़े प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान ‘महाराष्ट्र भारती’ से साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे को अलंकृत किया गया।
इस समारोह में विधायक आशीष शेलार, वरिष्ठ साहित्यकार चित्रा मुद्गल व साहित्यकार श्रीधर पराड़कर ने डॉ. दवे को १ लाख रु. की सम्मान राशि, अलंकरण-पत्र, प्रतीक चिन्ह और उत्तरीय से सम्मानित करते हुए मंच पर स्थान दिया।
इस अवसर पर प्रख्यात भजन गायक पद्मश्री अनूप जलोटा, अभिनेता आशुतोष राणा और अभिनेता मनोज जोशी को भी सम्मानित करने का अवसर आपको मिला। खचाखच भरे रंग शारदा सभागार में डॉ. दवे के बाल साहित्य केंद्रित व्याख्यान को महाराष्ट्र के साहित्यकारों ने ऐतिहासिक निरूपित किया। डॉ. दवे ने सम्मान पर बतौर आभार कहा कि सम्मान-पुरस्कार भाग्य और कर्म से तो मिलते सुना है पर मुझे यह साहित्य जगत के स्नेह के कारण प्राप्त हुआ है। मैं इसे पूरी विनम्रता से संपूर्ण साहित्य जगत के चरणों में अर्पित करता हूं।

ज्ञात हो कि, डॉ. दवे इस समय साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक और गत ३ दशक से बाल पत्रिका ‘देवपुत्र’ के संपादक रहे हैं। भारतीय बाल साहित्य शोध संस्थान के निदेशक के रूप में गत २५ वर्ष से बाल साहित्य और बाल पत्रकारिता में शोध कार्य संपन्न कराते आ रहे और ८५ से अधिक पी-एच.डी. शोधार्थियों के मार्गदर्शक डॉ. दवे केंद्र सरकार की साहित्य अकादमी में साधारण सभा के सदस्य भी हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत संगठन मंत्री के नाते गत एक दशक में इन्होंने मध्यप्रदेश में साहित्यकारों को परिवार सूत्र में बांधने का बड़ा कार्य किया तो साहित्य अकादमी मप्र की कमान संभालने के बाद ५ वर्ष के सम्मान-पुरस्कारों के निर्णय करवाने का लंबा कार्य भी किया, जबकि उन्हें प्रदेश शासन के अधिकारियों का असहयोग मिला तो भी सफल रहे। अकादमी के इस सम्मान से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के साहित्य जगत में हर्ष की लहर है। आपने अकादमी के उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्रा और पूरी टोली के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है।

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