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अनेक वीरांगनाओं ने किया देश का मस्तक ऊँचा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ 
मनावर(मध्यप्रदेश)
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नारी:मर्यादा,बलिदान और होंसले की मूरत…

देश के अलग-अलग प्रान्तों में जन्मे वीरों ने आजादी की प्राप्ति में अपनी-अपनी भूमिका निभाई थी। उन नामों में एक जानकारी के मुताबिक ऐसे नाम भी हैं, जो बहुत कम पढ़ने में आए हैं। पुरुषों में जैसे देशभक्त, साहसी वीर मातृभूमि के लिए शहीद हुए, वैसे ही नारी की भी मर्यादा, बलिदान और हौंसले की मूरत इतिहास के पन्नों में उनकी गाथा के रूप में दर्ज है। भारत की महान वीरांगनाएँ -वीरांगना वीरमती, महारानी लक्ष्मीबाई, महारानी अहिल्याबाई, रानी दुर्गावती, राजमाता जीजाबाई, महारानी कर्मवती, रानी चेन्नमा, रानी सारंधा, नारी रत्न येसुबाई, वेलु नाचियार, भीमा बाई, बेगम हजरत महल, क्रांतिकारिणी कामा, रानी गिंडालो, पार्वती देवी, महाराणा प्रताप की जननी, दुर्ग रक्षिका राजकुमारी, स्वतंत्रता सेनानी शहीद प्रीति लता, कल्पना दत्ता, उदा देवी, सुमिति चौधरी, शांति घोष, बीना दास, दुर्गा भाभी और लक्ष्मी सहगल आदि वीरांगनाओं ने देश का मस्तक कीर्ति, गौरव और यश से देशभक्ति निभाकर ऊँचा करते हुए ,वीरता से दुश्मनों को पराजित किया। इनकी पुनीत, प्रेरणादायी भावनाओं और गुणों को हम सब याद करते हुए नमन करते हैं।स्वाधीनता के लिए शहीद ऎसी नारियों का श्रद्धा से स्मरण कर अपने मन में देशभक्ति से युक्त संस्कारों की ऊर्जा भरकर इतिहास पर गर्व करें, साथ ही खुद पर गर्व करें कि हमने भारत की भूमि पर जन्म लिया है, जहाँ की माटी का महत्व व देशभक्ति क्या होती है, का पाठ पढ़ाया जाता है। देश की वीरांगनाओं को नमन।

परिचय-संजय वर्मा का साहित्यिक नाम ‘दॄष्टि’ है। २ मई १९६२ को उज्जैन में जन्में श्री वर्मा का स्थाई बसेरा मनावर जिला-धार (म.प्र.)है। भाषा ज्ञान हिंदी और अंग्रेजी का रखते हैं। आपकी शिक्षा हायर सेकंडरी और आयटीआय है। कार्यक्षेत्र-नौकरी( मानचित्रकार के पद पर सरकारी सेवा)है। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज की गतिविधियों में सक्रिय हैं। लेखन विधा-गीत,दोहा,हायकु,लघुकथा कहानी,उपन्यास, पिरामिड, कविता, अतुकांत,लेख,पत्र लेखन आदि है। काव्य संग्रह-दरवाजे पर दस्तक,साँझा उपन्यास-खट्टे-मीठे रिश्ते(कनाडा),साझा कहानी संग्रह-सुनो,तुम झूठ तो नहीं बोल रहे हो और लगभग २०० साँझा काव्य संग्रह में आपकी रचनाएँ हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में भी निरंतर ३८ साल से रचनाएँ छप रहीं हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में देश-प्रदेश-विदेश (कनाडा)की विभिन्न संस्थाओं से करीब ५० सम्मान मिले हैं। ब्लॉग पर भी लिखने वाले संजय वर्मा की विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-मातृभाषा हिन्दी के संग साहित्य को बढ़ावा देना है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-मुंशी प्रेमचंद,तो प्रेरणा पुंज-कबीर दास हैंL विशेषज्ञता-पत्र लेखन में हैL देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-देश में बेरोजगारी की समस्या दूर हो,महंगाई भी कम हो,महिलाओं पर बलात्कार,उत्पीड़न ,शोषण आदि पर अंकुश लगे और महिलाओं का सम्मान होL

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