डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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मोहनदास गाँधी जयंती विशेष…
बापू बेमिसाल थे,
अतुलनीय आभार थे
बेजोड़ कह सकते हैं,
ना-बराबर अवतार थे
लाजबाव और अप्रतिम रूप में,
सबका बड़ा प्यार थे
फकीर के अवतार में,
उन्नत और सुसंस्कृत खोज थे
नया इतिहास रचकर,
सबके सामने खड़े वैश्विक ओज थे।
देशवासियों को बापू जी ने,
गणतंत्र से रूबरू कराया
वैश्विक स्तर पर भारतीयता को,
सम्पूर्ण सम्मान दिलाया
नवीन जोश और उत्साह से,
आजादी की हर लड़ाई में,
शामिल हो राष्ट्रीय गौरव बढ़ाया
वैश्विक सम्मान से आर्यावर्त भरतखण्ड में,
एक खूबसूरत अन्दाज पाया।
अपने किरदार में आज़ भी,
दुनियाभर में सर्वश्रेष्ठ संस्कार है
उच्च आदर्शों को समेटे हुए,
सबसे प्रखर अवतार हैं।
आजादी को पाने में कामयाब,
बनाकर देश का खूब मान बढ़ाया
अंग्रेजी हुकूमत को,
अपने घर वापस भिजवाया।
सम्पूर्ण अभिनन्दन का सर्वश्रेष्ठ उपहार है,
भारतीय संस्कृति को
आगे बढ़ाने वाले
सर्वोत्तम आभार है॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।