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आगे बढ़ रही हैं बेटियाँ

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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सफलता और समृद्धि की राह पर,
बेटियाँ आज़ तेज़ी से बढ़ रही है
हर वक्त साथ ही साथ,
हर मोर्चे पर खड़ी दिखाई देती
खड़ी नज़र आ रही है।

यहाँ बुलंदी पर पहुंचने की,
तस्वीर देखी जा रही है
शिक्षा और स्वास्थ्य का समर हो,
या युद्ध की कठिन डगर पर
बेटियाँ किस्मत आजमा रहीं हैं
पायलट और वैज्ञानिक बनकर,
पूरी दुनिया में खलबली मचा रही है।

खेल और खिलाड़ी यहाँ,
वतन से प्यार करतीं हैं
लड़कियाँ मजबूती से आगे बढ़ती रहती है,
राजनीति में नहीं कसर छोड़ी है,
सब जगह असर देता दिखाई है
शून्य का असर नहीं है यहाँ,
हर क्षेत्र में बड़ी महक दिख रही है।

मजबूती से बेटियों का यहाँ,
सामाजिक क्षेत्र नहीं है अछूता यहाँ
हर वक्त यहां उपस्थिति दर्ज,
मजबूती से करा रहीं हैं बेटियाँ
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के क्षेत्र में,
बढ़ रही है तेज़ी से बेटियाँ
हर वक्त माँ-बाप की इज्जत बढ़ा रहीं हैं ,
बड़ी तेजी से बेटियां यहाँ

अंतरिक्ष में आज़ खूब सम्मान है,
देश-दुनिया को आज़ अभिमान है
उद्यम और पराक्रम में है बेटियाँ बेजोड़,
नहीं क़दम रूक सकता कहीं और।

समर्पित भाव से सना हुआ है,
बेटियों का हर क्षेत्र में आगाज़।
देश को गौरवान्वित महसूस,
करा रही हैं बेटियाँ आज़॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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