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आजादी को हासिल करने में कईं लोगों ने दिया बलिदान

डॉ.अरविन्द जैन
भोपाल(मध्यप्रदेश)
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इस वर्ष १५ अगस्त २०१९ का कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष इसी माह में हमारे देश में जम्मू- कश्मीर में विशेष दर्ज़ा ३७० धारा और ३५-ए को संसद द्वारा हटाया गया और जम्मू कश्मीर एवं लदाख को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किया,जो बहुत बड़ी उपलब्धि वर्तमान केन्द्र शासन की है। इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं उनकी कैबिनेट बधाई की पात्र है।
भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष १५ अगस्त को मनाया जाता है। सन् १९४७ में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। १५ अगस्त १९४७ के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया,जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन १.४५ करोड़ थी। भारत की जनगणना १९५१ के अनुसार विभाजन के एकदम बाद ७२,२६,००० मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और ७२,४९,००० हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए।
इतिहास के मुताबिक यूरोपीय व्यापारियों ने १७ वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना आरम्भ कर दिया था। अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने १८ वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने-आपको स्थापित कर लिया था। १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम १८५८ के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रितानी ताज (ब्रिटिश क्राउन) अर्थात ब्रिटेन की राजशाही का हो गया। दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप १८८५ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई.एन.सी.) निर्माण हुआ।
स्वतंत्रता से पहले स्वतंत्रता दिवस देखें तो १९२९ के लाहौर सत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज घोषणा की और २६ जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया गया।
यूनाइटेड किंगडम की संसद के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के अनुसार १५ अगस्त १९४७ से प्रभावी (अब बांग्लादेश सहित) ब्रिटिश भारत को भारत और पाकिस्तान नामक दो नए स्वतंत्र उपनिवेशों में विभाजित किया,और नए देशों के संबंधित घटक असेंबलियों को पूरा संवैधानिक अधिकार दे दिया। १८ जुलाई १९४७ को इस अधिनियम को शाही स्वीकृति प्रदान की गईl
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रवासी भारतीयों विशेषकर भारतीय आप्रवासियों की उच्च सघनता के क्षेत्रों में परेड और प्रतियोगिताओं के साथ दुनियाभर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। न्यूयॉर्क और अन्य अमेरिकी शहरों में कुछ स्थानों में १५ अगस्त प्रवासी और स्थानीय आबादी के बीच में भारत दिवस बन गया है। यहां लोग १५ अगस्त के आसपास या सप्ताह के अंतिम दिन पर भारत दिवस मनाते हैं व प्रतियोगिताएँ रखते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर
देश के प्रथम नागरिक और देश के राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन देते हैं। इसके बाद अगले दिन दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है,जिसे २१ तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।
इस आजादी को हासिल करने में कितने ज्ञात और अज्ञात लोगों ने बलिदान दिया और बंटवारे के समय जो हिंसा-रक्तपात हुआ, इसका कारण जो भी रहा है पर आज से ७२ वर्ष पहले की घटनाओं का विश्लेषण करने से कोई हल नहीं निकलेगा,मात्र घृणा-नफ़रत मिलेगीl

परिचय- डॉ.अरविन्द जैन का जन्म १४ मार्च १९५१ को हुआ है। वर्तमान में आप होशंगाबाद रोड भोपाल में रहते हैं। मध्यप्रदेश के राजाओं वाले शहर भोपाल निवासी डॉ.जैन की शिक्षा बीएएमएस(स्वर्ण पदक ) एम.ए.एम.एस. है। कार्य क्षेत्र में आप सेवानिवृत्त उप संचालक(आयुर्वेद)हैं। सामाजिक गतिविधियों में शाकाहार परिषद् के वर्ष १९८५ से संस्थापक हैं। साथ ही एनआईएमए और हिंदी भवन,हिंदी साहित्य अकादमी सहित कई संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। आपकी लेखन विधा-उपन्यास, स्तम्भ तथा लेख की है। प्रकाशन में आपके खाते में-आनंद,कही अनकही,चार इमली,चौपाल तथा चतुर्भुज आदि हैं। बतौर पुरस्कार लगभग १२ सम्मान-तुलसी साहित्य अकादमी,श्री अम्बिकाप्रसाद दिव्य,वरिष्ठ साहित्कार,उत्कृष्ट चिकित्सक,पूर्वोत्तर साहित्य अकादमी आदि हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी अभिव्यक्ति द्वारा सामाजिक चेतना लाना और आत्म संतुष्टि है।

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