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आभावान बच्चे

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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दीप्तिमान है तो जगत-संसार संसार है,
सुन्दर सन्देश को यहाँ मिलता पुरस्कार है
ग़रीब बच्चों पर यह उपकार है,
आभावान बच्चे सहर्ष स्वीकार हैं।

ग़रीबी नहीं रोकेगी इनके क़दम,
मन में भर देंगे उत्साह व उमंग
सुन्दर-सी दुनिया में बनेगा एक ठौर,
हमें सम्हलकर चलना होगा
यह प्रगति को शिखर पर पहुंचाने में,
बनेगा सबसे उत्कृष्ट हथियार।

यह जीवन की सबसे खूबसूरत,
प्यारी-प्यारी तस्वीरें बनाएंगी
उपेक्षित संसार में सबसे ज्यादा खुशियाँ,
भरकर सबको हर्षित कर जाएंगी।

यह जीवन्त संसार में सबसे प्यारा,
उन्नत और सुसंस्कृत व्यवहार है
सबको ख़ुशी देने वाली ताकत से बना,
उत्कृष्ट विचार व संस्कार है।

यह शिक्षा और संस्कार को,
तेज़ गति से आगे बढ़ाएगी
वंचित समाज के बच्चों को,
सही रास्ते पर चलने में
विश्वास से आगे बढ़ने में,
मददगार बनकर आगे बढ़ाएगी।

यह सुन्दर विचार और व्यवहार का,
एक खूबसूरत-सा नवोन्मेष अन्दाज है
यहाँ इस प्रयास और प्रयोग से,
दुखियारी और मासूमियत में पल रहे बच्चों पर
सबसे अनमोल उपहार है।

यह आभावान बच्चों को आगे बढ़ाने का,
सबसे अनूठा और उत्कृष्ट तरीका है।
चमकती हुई खूबसूरत आँखों में,
नवजीवन का रंग भरकर आगे बढ़ने के लिए
त्वरित गति से सिखाती तरीका है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।