जयपुर (राजस्थान)।
संपर्क संस्थान की ओर से बुधवार को जयपुर में डॉ. सुलोचना शर्मा का सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रचनाकारों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में बूंदी की प्रख्यात कवयित्री डॉ. शर्मा को शाल ओढ़ाकर संपर्क साहित्य सम्मान भेंट किया गया। डॉ. शर्मा ने आभार प्रकट करते हुए ‘पार नहीं’, ‘सखी ! ऋतु बासंती आई’, जैसी काव्य रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती माँ के दीप प्रज्वलन से हुआ। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने करते हुए कहा कि, ईश्वर द्वारा प्रदत्त सुंदर दुनिया में हम सबकी किसी न किसी रूप में अपना योगदान देने की जिम्मेदारी है, तभी हमारे मनुष्य होने की सार्थकता है। आपने ‘तुम्हारा होना’ और ‘पीढ़ियों का पानी’ शीर्षक से २ लघु कविताओं का पाठ किया।
संस्थान की महासचिव रेनू ‘शब्द मुखर’ ने संपर्क के कार्यों का परिचय देते हुए कविता ‘मेरे पिता’ सुनाई।
काव्य गोष्ठी में हर्षवर्धन पांडे, सुशीला शर्मा और कवि जगदीश पटेल आदि ने भी रचनाएं सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। मनोज शर्मा, शिल्पी पचोरी, रमा भाटी, ज्योति जोशी और डॉ.संगीता सक्सेना आदि ने भी रचनाएं सुना कर काव्य गंगा बहाई।
संचालन कवयित्री अक्षिणी भटनागर ने किया।