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काँवर का पावर

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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देखो सुहाना सावन आया है,
यह सबके मन को भाया है।
कैलाश से भोले चले देवघर,
यही है काँवर का पावर।

बम बम बोलते चले काँवरिया,
रिमझिम बरसे श्याम बदरिया
बिना थके सब बढ़ते जाते डगर,
यही है काँवर का पावर।

सावन माह में शिव अवघड़ दानी,
हर लेते भक्तों की हर परेशानी
तन-मन से जो चले जल भर,
यही है काँवर का पावर।

सावन में जो करे शिव की आराधना,
भगवान पूरी करते उसकी हर कामना
कंधे पर धरे जो काँवर,
यही है काँवर का पावर।

कहें ‘उमेश’ तुम अबकी बार,
भर ले जल चल भोले द्वार,
सपने जाएंगे तेरे सँवर
यही है काँवर का पावर॥

परिचय-उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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