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मैं स्कूल हूँ

नागेन्द्र सिंह सोमवंशी
सतना(मध्यप्रदेश)
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आई जुलाई सज गई बगिया

नन्हें-नन्हें फूलों से,

झूम उठा कोना-कोना

खिलखिलाती कलियों सेl

चहक उठा शाला का आँगन

नन्हें-नन्हें कदमों से,

स्कूल बसें जब सज आई

मनमोहित देव अंशों सेl

रंग-बिरंगे कपड़ों वाली

गुड़िया आई पहने यूनिफार्म,

टाई जूती सर पे हेअर बैंड

गले में लटकाए वाटर टैंकl

हृदय प्रफुल्लित हुआ जब वो

गुड मॉर्निंग तुतलाकर बोली,

मेरा मान बढ़ाकर भर दी

खुशियों से मेरी झोलीl

लो फिर आया बाल गणेश

सुन्दर चितवन नटखट भेष,

सुगन्धित करने बाल बगिया को

प्रवेश मिला इक और चन्दन कोl

गई जुलाई दे जिम्मेदारी

इन कोरी पुड़ियों की,

शिल्पकार बन रंगूं मैं जीवन

नित नवीन रंगों सेl

देख जिनका मोहक मुख

आ जाता वात्सल्य सम्मुख,

उन्हें बनाना है अब अविनाशी

कोई गजनवी इंग्लिश वासी

अब ना भारत माँ को बनाए दासी

मैं वह द्रोण नहीं जो,

तृप्त हो जाऊँ इक अर्जुन से

भेद मिटाऊँ बन समदर्शीl

इक-सा इक संग पाठ पढ़ाऊँ

एकलव्य कर्ण के बिना है मुनिवर,

मैं कैसे आचार्य कहलाऊँl

शिक्षक यहाँ गुणी विद्वान

देते नित शिक्षा का ज्ञान,

अपने ज्योतिर मंडल से

सूरज-सा देते नित दानl

तुम आए थे अबोध निरक्षर

हो गए हो अब पूरे साक्षर,

आ गया वार्षिकोत्सव तब तकl

बच्चे दिखाए नाना कलाएं

खेलकूद संग धर्म कलाएं,

आई घड़ी चल इम्तेहान की

बच्चों संग है गुरुजनों कीl

परिणाम खुला सब नाच उठे

गुरुजनों के सीने फूल उठे,

अनुकूलित परिणाम रहा

संग आई छुट्टी जिसका इंतजार रहाl

अब ना कोई झंझट होगी

ना होमवर्क की टेंशन होगी,

ना मैम की डांट मिलेगी

ना उठाने की जल्दी होगीl

लूडो-कैरम खेल होगा

नाना-नाती मेल होगा,

सब खुशियों में झूम रहें

अश्क पलकों में उमड़ रहेl

उनको देखते मैं खड़ी रही

धाय माँ सी संग रही,

उजड़ गई रौनक बहार की

जब आई रुखसत बयार कीl

हूँ मैं खड़ी बाँहें फैलाए

कब फिर जुलाई आए,

वही तराने फिर से गाए

मेरा स्कूल कह वो मुझे बुलाएl

आई जुलाई…ll

परिचय-नागेन्द्र सिंह सोमवंशी का बसेरा जिला सतना (म.प्र.)में हैl जन्मतिथि १५ जून १९८१ एवं  जन्मस्थान-रामगढ,सतना है। शिक्षा -स्नातक (बी.ए.)है। कार्य क्षेत्र में विद्यालय संचालक हैं। सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में सक्रिय श्री सोमवंशी की लेखन विधा-कहानी, कविता और लेख है। भाषा ज्ञान-हिन्दी एवं बघेली का है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समानता का प्रयास तथा मानसिक रोगियों के प्रति दया एवं करूणा की भावना को जगाना है।साहित्य पढ़ने एवं क्रिकेट खेलने में आपकी रुचि है।

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