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काश मैं मोबाइल होती!

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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काश मैं महंगे वाला
प्यारा-सा मोबाइल होती,
उनकी बाँहों में उनके
तकिये के पास सोती।
उनकी खाने की थाली
के पास हमेशा रहती,
उनकी उंगली के और
अंगूठे संग हमेशा बहती।
बहाने बनाकर आप
मुझे रखते करीब,
काश! मोबाइल बनना
होता मेरा प्यारा नसीब।
जब भी मेरी बजती
वो प्यारी-प्यारी रिंगटोन,
बाकी काम को छोड़
लेते वो बाकी काम से मौन।
कट का बटन वो
कभी नहीं दबाते,
प्रेम से रात में अपने
संग वो मुझे जगाते।
सुबह जगते ही करते
वो प्रेम से मेरे दर्शन,
रात को मुझ पर करते
अपनी भावना प्रदर्शन।
हर औरत मोबाइल को
सौतन मानकर है रोती,
इसलिए कहती है काश! मैं
प्यारा वाला महंगा मोबाइल होती॥

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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