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कैसे ऋण चुकाएं वीर तुम्हारा

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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ऊधम सिंह माँ का गौरव था,
वो अमर वीर बलिदानी था।
गुलामी स्वीकारी न हर्गिज़,
वो वीर अति स्वभिमानी था॥

जलियाँ वाले बाग में जिसने,
निर्दोषों को मरवाया था।
उसी डायर को लंदन जाकर,
ऊधम सिंह ने मार गिराया था॥

अंग्रेजों के जुल्मों को यह बालक,
उर में सहन नहीं कर पाया था।
सच्चे सपूत बनकर भारत माँ का,
जिसने अपना फर्ज निभाया था॥

रवि ज्योतित है ज्यों नभ में,
अमर ऊधम सिंह है सबके मन में।
नव प्रेरणा जो नव युवकों को देता,
शक्ति संचरित करता जन-जन में॥

कैसे ऋण चुकाएं वीर तुम्हारा,
बने सदा तुम निर्बल का सहारा।
शब्द पुष्प श्रद्धाजंलि अर्पित तुमको,
अमर रहे तव ज्योतित सितारा॥

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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