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ख्यालों के सिवा

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’
मुम्बई (महाराष्ट्र)

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खराब से और खराब क्या होगी,
जिन्दगी तू इससे खराब क्या होगी।

दिल टूटा तो मैं रोया भी ना था,
तू दर्द के सिवा और क्या होगी।

मुझे मंजूर है तन्हाईयों में रहना,
तू अश्क के सिवा और क्या होगी।

सुने ना सुने कोई मेरी बातों को,
तू इन खामोशियों के सिवा और क्या होगी।

छूटता जा रहा है सभी का साथ मुझसे,
जिन्दगी तू जुदाई के सिवा क्या होगी।

आज भी मैं उसकी बातों मैं रहता हूँ,
तू ख्यालों के सिवा क्या होगी।

मौत से अब डर नहीं लगता मुझको,
तू दो गज़ जमीन के सिवा क्या होगी।

जिंदगी तू वफा से बेवफा क्या होगी,
जिंदगी तू इससे और बेवफा क्या होगी॥

परिचय-श्रीकांत मनोहरलाल जोशी का साहित्यिक उपनाम `घुंघरू` हैl जन्म ४ अप्रैल १९७८ में मथुरा में हुआ हैl आपका स्थाई निवास पूर्व मुंबई स्थित विले पार्ले में हैl महाराष्ट्र प्रदेश के श्री जोशी की शिक्षा बी.ए.(दर्शन शास्त्र) और एम.ए.(हिंदी साहित्य) सहित संगीत विशारद(पखावज) हैl कार्यक्षेत्र-नौकरी(एयरलाइंस) हैl लेखन विधा-कविता है। प्राप्त सम्मान में तालमणी प्रमुख है। प्रेरणा पुंज-मनोहरलाल जोशी(पिता)हैंl

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