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गुरु बिन मिले न सच्चा ज्ञान

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह जीवन का सर्वोत्तम ज्ञान है,
जगत संसार में गुरु सबसे महान है
ज़िन्दगी की सफ़र पर आगे चलने वाले,
बिन गुरु कृपा पृथ्वी पर सदैव अनजान हैं।

राह दिखाते आदर्श सिखाते,
सबसे उन्नत पहचान हैं
गुरु को नमन वन्दन करते हुए ही,
हम सब बन सकते एक इन्सान हैं।

मुश्किल वक्त के गुरु हैं साथी,
पद चिन्हों पर देते चलने का ज्ञान हैं
सफलता मिलती तभी यहां,
सब शिष्य करते गुरु का सम्मान हैं।

माता-पिता से बढ़कर गुरु का,
स्थान रहता रहा है सबसे उपर यहां
ज़िन्दगी के सफ़र में आगे बढ़ने में,
गुरु बिन नहीं मिलती कभी मंजिल यहां।

बचपन में गुरु देते हैं प्राथमिक शिक्षा,
बच्चों की शिक्षा का रखतें ध्यान, पहली दीक्षा
सम्पूर्णता संग समरसता लाने में,
पहली दीक्षा देने का रहता अभिमान है।

गुरु एक जीवंत जीवन का सर्वोत्तम सहारा,
सर्वाधिक भरोसेमंद उपहार है
गुरु बिन ज्ञान न मिलता है यहां,
संसार में कहलाते सर्वश्रेष्ठ अवतार हैं।

हाँ, यह सच है कि माँ से मिलती है,
पहली पाठ का ज्ञान संस्कार यहां
गुरु की अन्तिम पंक्ति की शिक्षा से ही,
जीवन में मिलता उत्तम सही व्यवहार यहां।

अनजान व्यक्ति से क्या हम कुछ पाते ?
गुरु श्रेष्ठ से जीवन सजता संवरता है
प्रगति पथ पर सदैव आगे बढ़ने में,
गुरु का आशीर्वाद ही सबसे आगे रहता है।

रास्ते उबड़-खाबड़ हों या समतल मैदान,
गुरु श्रेष्ठ से ही सम्भव है जीवन में कल्याण।
भक्ति रस में शहद मिलाकर जो शिष्य करते हैं प्यार,
गुरु श्रेष्ठ का सदैव उन्हें मिलता है जीवन में पुरस्कार।

कठिन राह पर चलने वाले,
बच्चे कभी नहीं घबराते हैं
गुरुदेव को स्मरण करते हुए आदर करने वाले ही,
सदैव शिखर पर पहुंचने में सफल जाते हैं।

गुरु श्रेष्ठ को नमन करें हम,
सदैव करे उनका हृदय से सत्कार।
जीवन में आगे बढ़ने में,
यही हैं हमारे श्रेष्ठ युगावतार॥

परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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