अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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चाँद पे हम
उतरा हिन्दुस्तान
दिखाया दम।
हुआ मंगल
उम्मीदें हैं सबकी
चमके कल।
शिखर चूमा
चंद्रयान सफल
है शौर्य अब।
‘चंद्र’ विजय
सबने माना लोहा
जय भारत।
बढ़ा ‘प्रज्ञान’
रुका दक्षिणी ध्रुव
है कीर्तिमान।
हुए विफल
सीखा विफलता से
उज्ज्वल आज।
ना मानी हार
रचा है इतिहास
ख्वाब साकार।
भारत आगे
कोई नहीं पहुँचा
भाग्य है जागे।
खोलेगा राज
चन्द्रमा पर है क्या ?
करेगा खोज।
नया प्रयास
सब देशहित में
करोड़ों आस।
मुट्ठी में चाँद
बहुत कुछ दिया
हैं विश्व गुरु।
लक्ष्य मंज़िल
अनुसंधान बड़ा
करें हासिल।
थी विफलता
बड़ा कर दिखाया
स्व सफलता।
काम स्वदेशी
गजब कर दिया
गौरव पाया।
बड़ी उड़ान
शौर्य का प्रतिमान
देश महान॥