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जनता लाचार नहीं

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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पापियों को क्या धिक्कार नहीं।
उनका जीना क्यों दुश्वार नहीं।

सज्जन लोग क्यों चुप रह जाते हैं,
सच बोलने का उनको अधिकार नहीं।

जो देश खा रहे भीतर ही भीतर,
क्या वो दल नेता ग़द्दार नहीं।

जब सत्ता सब सरकार के पास है,
ऐसे में क्या जनता लाचार नहीं।

चुप रहना भी तूफ़ान का संकेत है,
क्या लोकतंत्र में जनता बेज़ार नहीं।

महामारी बेधड़क मार रही सबको,
क्यों इसमें नेता लोग बीमार नहीं।

आज सरकार ख़ामोश क्यों हैं,
क्या लालची सरकार तैयार नहीं।

वोट माँगने घर-घर पहुंच जाते,
क्यों अब मिलने की दरकार नहीं।

धंस रहा देश मंदी के दौर से,
क्यों अब सरकार का दीदार नहीं।

जागो जनता तुम जनार्दन हो,
क्या आप राम राज्य के आधार नहीं।

जानते-बूझते वोट मत दिया करो आप,
क्या प्रजा लोकतंत्र की हथियार नहीं।

ऐसी दोगली सरकार व्यर्थ है ‘रेणू’,
इनके पास क्या दुधारी तलवार नहीं॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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