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जागना होगा, वर्ना…

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘पृथ्वी दिवस’ विशेष…

जागना होगा
मर जाएंगे वर्ना
बचाओ धरा।

दुनिया यही
सबका मूल्य जानो
मत बिगाड़ो।

हवा चाहिए
मन-सुकून लिए
पेड़ लगाओ।

वायु चाहिए
न हो प्रदूषण
वन बचाओ।

जल कीमती
कम हों रसायन
पानी जीवन।

दायित्व सच्चा
यही संस्कार देना
कर्तव्य बड़ा।

नहीं दें पीड़ा
पहरेदार बनें
होगा अस्तित्व।

सृष्टि हमारी
सबको दे पोषण
बड़ी ही न्यारी।

घोर संकट
मत उजाड़ो धरा
स्थिति विकट।

पृथ्वी रही तो
हम जी सकेंगे
चेतना लाओ॥