कुल पृष्ठ दर्शन : 8

You are currently viewing जाग तुझको दूर जाना

जाग तुझको दूर जाना

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**************************************

आज तू है व्यस्त माना,
या कि होगा पस्त, माना
पर, नहीं हो हार तेरी,
जाग तुझको दूर जाना।

व्यथित पीड़ा, व्यस्त डोले,
तिमिर पथ की राह खोले
मनुज का तू पहन बाना,
जाग तुझको दूर जाना।

युद्ध का उन्माद बोले,
नेष्ट पथ पर चिह्न छोड़े
विश्व का क्रंदन भुलाना,
जाग तुझको दूर जाना।

शीतलता बिखरा के जाना,
बिंदु, वाणी-रस छलकाना
है कठिन यह राह माना,
जाग तुझको दूर जाना।

मधु लेकर सुरभित फूलों से,
कोने-कोने तक पहुँचाना।
आलोक का दीपक जलाना,
जाग तुझको दूर जाना॥