ऋचा सिन्हा
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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गणतंत्र दिवस विशेष….
आज तिरंगा लहराया है,
नीले-नीले अम्बर पर।
धरती माँ ने सजाया है,
भारत देश को सीने पर।
ये तिरंगा विश्व भर में,
सबसे बडा जनतंत्र है।
ये तिरंगा वीरता की,
कहानियों का मंत्र है।
इस तिरंगे ने रचाया,
पन्ने पर इतिहास को।
धरती माँ ने सजाया है,
भारत देश को सीने पर…॥
ये तिरंगा विश्वभर में,
शांति का संदेश है।
ये तिरंगा कह रहा है,
अलग भारत देश है।
इस तिरंगे ने सिखाया,
जीना जीवन मूल्यों पर।
धरती माँ ने सजाया है,
भारत देश को सीने पर…॥
ये तिरंगा विभिन्न धर्मों,
की अनोखी दात है।
ये तिरंगा भाषाओं की,
एक अनूठी बिसात है।
इस तिरंगे ने सिखाया,
खरा उतरना कसौटी पर।
धरती माँ ने सजाया है,
भारत देश को सीने पर…॥
परिचय – ऋचा सिन्हा का जन्म १३ अगस्त को उत्तर प्रदेश के कैसर गंज (जिला बहराइच) में हुआ है। आपका बसेरा वर्तमान में नवी मुम्बई के सानपाड़ा में है। बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में रुचि रखने वाली ऋचा सिन्हा ने स्नातकोत्तर और बी.एड. किया है। घर में बचपन से ही साहित्यिक वातावरण पाने वाली ऋचा सिन्हा को लिखने,पढ़ने सहित गाने,नाचने का भी शौक है। आप सामाजिक जनसंचार माध्यमों पर भी सक्रिय हैं। मुम्बई (महाराष्ट्र)स्थित विद्यालय में अंग्रेज़ी की अध्यापिका होकर भी हिंदी इनके दिल में बसती है,उसी में लिखती हैं। इनकी रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं में छप चुकीं हैं,तो साझा संग्रह में भी अवसर मिला है।