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त्याग-तपस्या है रंग भगवा

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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हम सबकी आन, शान है रंग भगवा।
भारत माता का निशान है रंग भगवा।

संपूर्ण भारत में, डोल रहा है रंग भगवा।
देशभक्तों के अंग में, चमके रंग भगवा।

त्याग-तपस्या की, पहचान है रंग भगवा।
भारती का है अमर निशान, रंग भगवा।

परमवीर शहीदों की, देन है रंग भगवा,
तुझे कोटि-कोटि नमन है, हे रंग भगवा।

नई बहुओं का घूंघट वस्त्र, है रंग भगवा,
मृत आत्मा का कफन है, रंग भगवा।

ऋषि-मुनियों की, पहचान है रंग भगवा,
वनवासी रामचन्द्र का वस्त्र, रंग भगवा।

अपनी माता भारती, कर रही है पुकार।
लेकर भगवा ध्वज, करो जय- जयकार।

आओ करें प्रतिज्ञा, फहराएंगे रंग भगवा,
भारत देश की ताकत है, यह रंग भगवा॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |