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दीपोत्सव

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)
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जलाओ दीए, उत्सव आया है,
खुशियों का जो संगम आया है।

दीपोत्सव माना प्रेम से,
जला दीप क्षमा क्षेम से‌।

दीप्तिमान हो पृथ्वी सारी,
आए नजर में न अंधियारी।

दीपोत्सव शुभ संगम आया है,
जलाओ दीए उत्सव आया है।

जगमग दीपक दमकाओ,
प्रेम भाव का राग सुजाओ।

सुन्दर सजग सुहाना उत्सव,
सबका मन बहलाए उत्सव।

खुशियों का वैभव दर्शाया है,
जलाओ दीए उत्सव आया है॥

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