कुल पृष्ठ दर्शन : 633

You are currently viewing दूर करें अज्ञान को

दूर करें अज्ञान को

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

*********************************************

विद्या से मिलती विनय, होय अहम का नाश।
चोर न चोरी कर सके, खुल जाते सब पाश॥

सुंदर मुखड़ा हो भले, ज्ञान न जिसके पास।
मनुज वह पशु समान है, खाय नहीं वह घास॥

ज्ञान बड़ा अनमोल है, सबका  देता साथ।
सिद्धि पाता वही मनुज, विद्या जिसके हाथ॥

जन्म मनुज का प्राप्त कर, विद्या से अनजान।
उसका जीवन व्यर्थ है, मिले नहीं सम्मान॥

दूर करें अज्ञान को, पाकर  उत्तम ज्ञान।
जीवन सार्थक है वही, मिलता जग में मान॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’