कुल पृष्ठ दर्शन : 297

You are currently viewing नौ माह

नौ माह

वंदना जैन
मुम्बई(महाराष्ट्र)
************************************

माँ अनमोल रिश्ता (मातृ दिवस विशेष) …

उदर में एक जान का पनपना,
हर क्षण छोटी-छोटी इच्छाओं का त्याग
उठना-बैठना सावधानी से,
धीरे-धीरे चलना, उल्टा मत लेटो
ये मत खाओ, वो मत पहनो,
कहने को मात्र नौ माह हैं
परन्तु क्या ये नौ माह
कभी समाप्त होते हैं ?

नौ माह से नौ साल,
अट्ठारह, बत्तीस, फिर चौंसठ
मृत्यु पर्यन्त पनपती रहेगी,
प्रेम, त्याग, और चिंताओं के रूप में
अब भी वही नन्हीं जान,
उदर में नहीं अपितु माँ के ह्रदय में
नौ माह के बाद उदर से निकल कर,
हृदय और मस्तिष्क के गर्भ में।
जहाँ अंत तक सहेज कर रखती है,
वह अपनी संतानों को॥

परिचय-वंदना जैन की जन्म तारीख ३० जून और जन्म स्थान अजमेर(राजस्थान)है। वर्तमान में जिला ठाणे (मुंबई,महाराष्ट्र)में स्थाई बसेरा है। हिंदी,अंग्रेजी,मराठी तथा राजस्थानी भाषा का भी ज्ञान रखने वाली वंदना जैन की शिक्षा द्वि एम.ए. (राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन)है। कार्यक्षेत्र में शिक्षक होकर सामाजिक गतिविधि बतौर सामाजिक मीडिया पर सक्रिय रहती हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत व लेख है। काव्य संग्रह ‘कलम वंदन’ प्रकाशित हुआ है तो कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होना जारी है। पुनीत साहित्य भास्कर सम्मान और पुनीत शब्द सुमन सम्मान से सम्मानित वंदना जैन ब्लॉग पर भी अपनी बात रखती हैं। इनकी उपलब्धि-संग्रह ‘कलम वंदन’ है तो लेखनी का उद्देश्य-साहित्य सेवा वआत्म संतुष्टि है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-कवि नागार्जुन व प्रेरणापुंज कुमार विश्वास हैं। इनकी विशेषज्ञता-श्रृंगार व सामाजिक विषय पर लेखन की है। जीवन लक्ष्य-साहित्य के क्षेत्र में उत्तम स्थान प्राप्त करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘मुझे अपने देश और हिंदी भाषा पर अत्यधिक गर्व है।’

 

Leave a Reply