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पंचदिवस दीपावली

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’
बूंदी (राजस्थान)
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धन से धन्य दिन-रात हुए हैं,

धन-तेरस ने,त्योहार की शुरु,खुशियां करवाई।

कुबेर ने बाजार में खोला खजाना,

धन-धान्य बरसे अब,खुशियां घर-आँगन लहराई।

धन की वर्षा अभी थमी नहीँ थी,

रूप निखारने को नायिका का,अब चतुर्दशी आई।

नायिका संग,सब नायक सजे हैं,

सजने-सजाने की स्पर्धा में भी,तुम देखो चतुराई।

रूप-चतुर्दशी भी जब आ,निकल गई,

घर-आँगन को सब-जन ने,बहुविध रोशन सजवाई।

दीपों की लड़ियां अब जले चहुँओर ही,

तब मन ही मन में,जगमग हर्षाती दीपावली आई।

शुभ और लाभ को साथ लिए तब,

गणेश-सरस्वती सह,रिद्धि-सिद्धि महालक्ष्मी माई।

खुशियां सभी मिले जग-जन को,

यही दुआ उस परमपिता से बस,हम करते हैं भाई।

बीत गया जब दीप-दिवस तब,

पूजन द्वार पर गोवर्धन की,सब मिल तयारी करवाई।

गाँव-गाँव में पूजने की गौ-वंश,

सजा-धजा कर कृषक-भाई(बैल)संग गौमाता पूजवाई।

दीप-दिवस मना लिया पिया-घर,

अब लौट वो दुल्हन,पिया के संग अपने पीहर आई।

ससुराल से लेकर सास-ससुर दुआएं,

दिखती दुल्हन आप ही मन में,खुशियां उसकी हर्षाई।

पहुंच के पीहर,लग मात-पिता हिय,

जिस आँगन में खेली बेटी,यादें उसकी याद हो आई।

भाई बसा लिया हिय,दौज दिवस तब,

भाल पे करके लाल तिलक,हर ली उसकी सब बलाई।

पांच दिवस का मना के दीपोत्सव,

जिधर भी देखो उधर लगे,ये दुनिया रोशन जगमगाई।

अगले बरस की बाट निहारण को,

चलो हम भी सबसे विदा लेकर,अब चलते हैं भाई।

बरसों बरस यों आती रहें खुशियां,

फूली रहे दुनिया खुशियों से सबकी,हरपल हुलसाई।

हर घर में जले खुशियों के दीपक,

बाजे खुशियों की मन-वीणा,साथ बजे सुरमयी शहनाईll

परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी (राजस्थान) है। आप राजस्थान के बूंदी शहर में इंद्रा कॉलोनी में बसे हुए हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा लेने के बाद शिक्षा को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। लेखन विधा-काव्य और आलेख है,और इसके ज़रिए ही सामाजिक मीडिया पर सक्रिय हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी लिपि की सेवा,मन की सन्तुष्टि,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है। २०१८ में श्री मेघवाल की रचना का प्रकाशन साझा काव्य संग्रह में हुआ है। आपकी लेखनी को बाबू बालमुकुंद गुप्त साहित्य सेवा सम्मान-२०१७ सहित अन्य से सम्मानित किया गया है|

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