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पावस आगमन

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली
भोपाल(मध्यप्रदेश)
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पावस का आगमन स्वागतम् करेंगे हम,
तापमय बिछोह जो हिय का वो हरेंगे हम।
मेघ संग में मयूर नृत्य कर रहा रमण,
मेघ गर्जना के संग भाव हिय भरेंगे हम॥

पुष्प बाग में लताएँ पुष्प खिलखिला रहे,
ज्यों बिछोह मिट गया दिल से दिल मिला रहे।
भाव भंगिमा के संग वो कहें मिलेंगे हम,
दूर्वा हरित कहे रंग अब भरेंगे हम॥

टेर भी पपीहा की दिल को ये हिला रही,
युवतियाँ तरुण विभोर संग में खिलखिला रही।
नायिका विचारती उलाहना करेंगें हम,
जो अब बसंत में न आये जान लो मरेंगें हम॥

मौसमी बहार संग पावसी फ़ुहार है,
प्रियतमा प्रिये मिले उर में भी बहार है।
नायिका कहे कदंब झूलना करेंगे हम,
सृष्टि इस अपार में,बहुरंग अब भरेंगे हम॥

परिचय–प्रदीपमणि तिवारी का लेखन में उपनाम `ध्रुव भोपाली` हैl आपका कर्मस्थल और निवास भोपाल (मध्यप्रदेश)हैl आजीविका के लिए आप भोपाल स्थित मंत्रालय में सहायक के रुप में कार्यरत हैंl लेखन में सब रस के कवि-शायर-लेखक होकर हास्य व व्यंग्य पर कलम अधिक चलाते हैंl इनकी ४ पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैंl गत वर्षों में आपने अनेक अंतर्राज्यीय साहित्यिक यात्राएँ की हैं। म.प्र.व अन्य राज्य की संस्थाओं द्वारा आपको अनेक मानद सम्मान दिए जा चुके हैं। बाल साहित्यकार एवं साहित्य के क्षेत्र में चर्चित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्र भोपाल से अनुबंधित कलाकार श्री तिवारी गत १२ वर्ष से एक साहित्यिक संस्था का संचालन कर रहे हैं। आप पत्र-पत्रिका के संपादन में रत होकर प्रखर मंच संचालक भी हैं।

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