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फिर से बना दो भारत महान

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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भूखी जनता है और प्यासा है किसान।
कर्जे में डूबा है मेरा प्यारा हिंदुस्तान॥

ऊँचे-ऊँचे पर्वतों की घाटी है यहां,
सोना जो उगलती वह माटी है यहां।
राम और रहीम की भी झांकी है यहां,
गोलियों के भी निशान बाकी हैं यहां॥
फिर भी दुविधा में फंसा हुआ इंसान,
क्या से क्या हो गया मेरा भारत महान…॥

फुटपाथ में हैं लाखों लोग रहते,
भीख मांग कर निज पेट भरते।
सर्दी, बरसात और घाम सहते,
लाखों लोग रोज बिना मौत मरते॥
लाखों लोगों के मिट जाते अरमान,
क्या से क्या हो गया मेरा भारत महान…॥

आधे मुल्क में अलगाववाद है,
सीमा बँटवारे का अब भी विवाद है।
उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम उग्रवाद है,
सारे देश मे ही फैला जातिवाद है॥
तिरंगे झंडे का यहां होता अपमान,
क्या से क्या हो गया मेरा भारत महान…॥

देश द्रोहियों की गठजोड़ है यहां,
कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ है यहां।
काली, पीली दौलत की कमाई है यहां,
क्षुद्र स्वार्थियों की बाढ़ आई है यहां॥
गुमराह हो रहे हमारे नवजवान,
क्या से क्या हो गया मेरा भारत महान…॥

रोज नया होता इक घोटाला है यहां,
हलाला और हवाला से भी पाला है यहां।
आडंबरों का बोलबाला है यहां,
ज्ञान और विवेक का दिवाला है यहां॥
जगत गुरू की नहीं बची पहचान,
क्या से क्या हो गया मेरा भारत महान…॥

धर्म नीति, राजनीति, दोनों बदनाम,
मीडिया भी बिक रहा कौड़ियों के दाम।
लूटपाट, मार-काट मची सारे आम,
आदमी का चित् हुआ धन का गुलाम॥
अब तो एक सहारा बस तेरा भगवान,
फिर से बना दो मेरा भारत महान…॥

परिचय–प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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